भारतीय क्रिकेट को सबसे लंबे समय तक अपनी सेवाएं देने वाले सक्रिय क्रिकेटर्स में पीयूष चावला शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं। लेग स्पिनर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2012 में खेला था, लेकिन इसके बाद वह आईपीएल में सक्रिय रहे और 2023 व 2024 सीजन में मुंबई इंडियंस के लिए प्रमुख भूमिका निभाई।
पीयूष चावला 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप दोनों विजेता टीमों का हिस्सा रहे। भारत ने ये दोनों ट्रॉफी एमएस धोनी की कप्तानी में जीती थी। चावला ने भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू 2006 में मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ किया था। पीयूष चावला भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। भारत के लिए सबसे कम उम्र में टेस्ट डेब्यू का रिकॉर्ड महान सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज है, जिन्होंने 16 साल और 205 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट खेला था। पीयूष चावला ने 17 साल और 75 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया था।
संन्यास पर क्या बोले पीयूष चावला
35 साल के पीयूष चावला ने अपने संन्यास की योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि वो एमएस धोनी से ज्यादा समय खेलेंगे। बता दें कि 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले एमएस धोनी इस समय 43 साल के हैं और आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सचिन-अर्जुन का क्या किस्सा है?
पीयूष चावला ने शुभांकर मिश्रा के यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए एक मजेदार किस्सा बताया। उन्होंने बताया कि एक बार पृथ्वी शॉ ने उन्हें संन्यास लेने के लिए कहा था। तब लेग स्पिनर ने सचिन तेंदुलकर-अर्जुन का मजेदार उदाहरण देकर चुप करा दिया था। चावला मुंबई इंडियंस में अर्जुन के साथी थे जबकि भारतीय टीम में वो उनके पिता सचिन तेंदुलकर के साथ खेलते थे। चावला ने कहा, ”मेरे से पहले माही भाई संन्यास लेंगे। कुछ समय पहले पृथ्वी शॉ ने कहा था- बस करो यार अब पीसी भाई। मैंने कहा, मैं सचिन पाजी और उनके बेटे अर्जुन दोनों के साथ खेल चुका हूं। मैं तुम्हारे साथ खेल रहा हूं और तुम्हारे बेटे के साथ खेलने के बाद संन्यास लूंगा।”