‘कांग्रेस के युवराज को समझ नहीं आ रहा कि वे जेनऊ के नजदीक जाए या जेएनयू के’ – बृजमोहन अग्रवाल

भोपाल,CAA और NRC पर आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह के गृह जिला राजगढ़ पहुँचे। यहाँ उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर करारा हमला बोला। उन्होंने राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के युवराज को समझ नहीं आ रहा कि वे जेनऊ के नजदीक जाए या फिर जेएनयू के। वहीं उन्होंने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह आंतकियों से सहानुभूति रखते हैं, उन्हें देशभक्त खटकते हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रहित को ताक में रखकर कांग्रेस राजनीति करती है। उनमें सत्ता की भूख ऐसी है कि देश को आग में झोंकने में भी संकोच नहीं करते। आज पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान,बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर सताये गए हिंदू, बौद्ध, सिक्ख,ईसाई, जैन,पारसी धर्म के अनुयायियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए बने नागरिकता संशोधन कानून पर वे ऐसी ही भूमिका अदा कर रहे है। जबकि लोकतंत्र के मंदिर राज्यसभा और लोकसभा दोनों जगहों से पास होकर यह अधिनियम बना है। उसे लेकर वे योजनाबद्ध ढंग से यह अफवाह उड़ा रहे हैं कि यह कानून मुसलमानों को देश से बाहर कर देगा। सच्चाई से परे कांग्रेस की इस बात को मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग बिना जांचे परखे इसे सच मान रहा है।

परंतु कांग्रेसी यह जान ले कि उनकी यह भड़काऊ राजनीति ज्यादा समय तक नहीं चलने वाली। उनके अफवाहों की पोल अब खुलने लगी है। लोग धीरे-धीरे उनसे किनारा करने लगे हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहां कि 1947 में भारत देश से विभाजित होकर पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना। इस दौरान पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की आबादी 23% थी। पाकिस्तान का निर्माण धर्म के आधार पर हुआ इसलिए वहां पर अल्पसंख्यक को पर कट्टरपंथियों ने अत्याचार करना प्रारंभ कर दिया था। पाकिस्तान से फिर बांग्लादेश बना वह भी मुस्लिम राष्ट्र है। यहां भी अल्पसंख्यकों के ऊपर कट्टरपंथियों के अत्याचार होता रहा जो आज भी जारी है। विभाजन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी यह मानते थे कि भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा परंतु पाकिस्तान को लेकर उन्हें संदेह था। इसी संदेह के चलते अपने दौर में उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपील की थी। नेहरू-लियाकत समझौता इस बात का प्रमाण है। अब जब केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस के उन महापुरुषों की इच्छा को पूरा करने पाकिस्तान, बांग्लादेश,अफगानिस्तान मे धर्म के आधार पर सताए गए लोगों को भारत की नागरिकता दे रही है इसमें लोगों की आपत्ति समझ से परे है। बृजमोहन ने कहा कि इस कानून के तहत दिसंबर 2014 तक जो अल्पसंख्यक हिन्दू,सिक्ख,जैन, बौद्ध,पारसी भारत आ गए हैं उन्हें ही नागरिकता प्रदान की जाएगी।

पाकिस्तान से जब बांग्लादेश अलग हुआ उस वक्त भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लाखों बांग्लादेशियों को भारत में शरण दिया था। नागरिकता संशोधन कानून का 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह ने भी समर्थन किया था। बावजूद कांग्रेस का विरोध आश्चर्यजनक व पूर्णता राजनीति से प्रेरित है। इन विरोध को देखकर कोई भी समझ सकता है कि कांग्रेस सिर्फ वोट की राजनीति करती है और भारतीय जनता पार्टी देशहित के लिए।

कांग्रेस के युवराज को समझ नहीं आ रहा है कि वह जनेऊ के नजदीक जाए या जेएनयू के

बृजमोहन अग्रवाल ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के युवराज कुछ समझ नहीं आ रहा है कि वह जनेऊ के नजदीक जाए या जेएनयू के। उन्हें कोई कहता है कि राजनीति करना है हिंदुओं को साधना है तो जनेऊ पहन लेते है। फिर कभी भाजपा का विरोध करना है तो जेएनयू में के वामपंथियों के साथ खड़े हो जाते है। वे अपनी विचारधारा तय नही कर पाए है। बृजमोहन ने कहा कांग्रेस पार्टी देश को आजाद कराने में अहम भूमिका अदा करने वाली पार्टी है आज इस पार्टी को वामपंथी चला रहे हैं। यह दुर्भाग्यजनक है।

दिग्विजय सिंह पर ली चुटकी
साथ ही उन्होंने कहा कि यह राजगढ़ कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह जी का गृह जिला है। दिग्विजय सिंह की भाषा समुदायों को भड़काने वाली होती है। ऐसे में जनता तय करे कि उनसे क्षेत्र बदनाम होता है या नाम होता है। अनौपचारिक चर्चा में बृजमोहन ने कहा की दिग्विजय सिंह जी आतंकियों से सहानुभूति रखते है और देशभक्त उन्हें खटकते है।

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