रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा आदिमजति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संथान द्वारा राज्य की गोंडी बोली के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु ट्रिपल आईटी नवा रायपुर के सहयोग से तैयार किए जा रहे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एप की प्रगति की समीक्षा की। उक्त बैठक में ट्रिपल आईटी के प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार द्वारा इस एप के संबंध में प्रमुख सचिव को अवगत कराते हुए आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान से लगभग 25 हजार हिन्दी-गांेडी वाक्यों की आवश्यकता बताई गई ताकि आगामी 15 नवंबर तक मशीन ट्रांसलेशन परीक्षण का कार्य पूर्ण कर अंतिम रूप दिया जा सके। ज्ञातव्य है कि आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पूर्व के वर्षों में विभिन्न जनजातीय बोलियों का वर्णमाला चार्ट भी तैयार किया गया है। इसी क्रम में अब गोंडी बोली के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु ट्रिपल आईटी नवा रायपुर के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एप तैयार किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा टी.आर.टी.आई. संचालक श्री पी.एस.एलमा एवं संस्थान के अधिकारियों को गोंडी विशेषज्ञ अनुवादकों के माध्यम से शीघ्रताशीघ्र जनजातीय जीवन से सरोकार रखने वाले विषयों के वाक्यों को समाहित करते हुए उनका गोंडी अनुवाद पूर्ण कर संबंधित तकनीकी संस्थान को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये। साथ ही कांकेर जिला मुख्यालय के माध्यम से भी स्थानीय स्तर पर हिन्दी वाक्यों का गोंडी अनुवाद 09 अक्टूबर 2024 से 30 गोंडी अनुवादकों से संस्थान स्तर पर एवं कांकेर जिला मुख्यालय में भी दल गठित कर जिला कार्यालय एवं सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास के माध्यम से भी समानांतर रूप से कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ट्रासंलेशन एप विकसित करने हेतु लगभग 50 हजार हिन्दी-गोंडी वाक्यों के अनुवाद का लक्ष्य रखा गया है। उक्त विषय पर आगामी 16 अक्टूबर को पुनः समीक्षा किये जाने के निर्देश दिये गये।
प्रमुख सचिव ने संस्थान द्वारा किये जा रहे अन्य कार्यों के साथ-साथ प्रमुख सचिव द्वारा संस्थान परिसर में तैयार किये जा रहे जनजातीय संग्रहालय की प्रगति की समीक्षा कर समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने संबंधितों को निर्देश दिये। संस्थान परिसर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के प्रगति की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव द्वारा कार्य की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की गई तथा कांट्रेक्टर, आर्किटेक्ट एवं संचालक टीआरटीआई को निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।