ममता बनर्जी ने कहा: बुजुर्गों के स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से बाहर करने का फैसला हमारी मेहनत का परिणाम

केंद्र सरकार ने जीवन बीमा पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से बाहर करने का फैसला किया। केंद्र के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि यह फैसला राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार आम लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए करो में कटौती करने को लेकर दबाव में है।

ममता बनर्जी ने दी प्रतिक्रिया

एक अधिकारी ने बताया कि राज्य मंत्रिस्तरीय पैनल ने आम लोगों को टैक्स में कटौती का समर्थन किया। आम लोगों के लिए पांच लाख तक कवरेज वाले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को भी जीएसटी के दायरे से बाहर किया जा सकता है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में अगले महीने होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में किया जाएगा। स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को लेकर निर्णय लेने वाले जीओएम ने शनिवार को बैठक की। उन्होंने इस बैठक में पांच लाख से अधिक स्वास्थ्य बीमा 18 फीसदी जीएसटी लगता रहेगा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “हमारे निरंतर प्रयासों का लाभ मिलता दिख रहा है। केंद्र सरकार को देखकर ऐसा लग रहा है कि स्वास्थ्य और जीवनबीमा पर 18 फीसदी जीएसटी के फैसले को वापस लेने के लिए जबाव बनाया गया है।” इसके साथ ही उन्होंने अगस्त में वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र की प्रति भी साझा की। उन्होंने कहा, “मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी थी। मैंने उन्हें चेतावनी दी थी कि स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का उनका फैसला कमजोर व्यक्तियों को अपने बीमा कवरेज को सुरक्षित बनाने से रोकेगा।”

ममता बनर्जी ने आगे कहा, “यह हमारी तरफ से लगातार दबाव के कारण हुआ है। हमारे नेता जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से खड़े हुए हैं। हमारे सांसद लड़ रहे हैं। हमारी वित्त मंत्री ने भी अच्छा संघर्ष किया।” उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद का होगा। अगर वह नरम होकर फैसला करेंगे तो देशभर के लाखों परिवारों को बहुत लाभ होगा।

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