रायपुर : आज जब युवा साथी मुझसे कहते हैं कि हम भी आपके जैसे बनना चाहते हैं, तब मैं गर्व और हौसले से भर जाती हूं। मैं चाहती हूं कि बस्तर के अधिक अधिक से अधिक युवा सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें। मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मैं इस सुरक्षा बल का हिस्सा हूं और नक्सल अभियानों में मेरी भूमिका रही है।सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन की जांबाज महिला कांस्टेबल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके बस्तर के सेडवा कैंप प्रवास के दौरान ये बातें साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय बस्तरिया बटालियन की महिला कांस्टेबल के आत्मविश्वास से भरे शब्दों को सुनकर गर्व से भर गए और शाबाशी देते हुए कहा कि जवानों के हौसलों से ही हमें ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि नक्सल ऑपरेशन में बस्तर की बहुत सारी बेटियां चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। बस्तर में नक्सलवादियों से मुकाबला करती हमारी बेटियों के पराक्रम का कोई सानी नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री साय को बताया गया कि सीआरपीएफ के चुनिंदा जवानों को कोबरा बटालियन में काम करने का मौका दिया जाता है। इन जवानों को नक्सल ऑपरेशन और जंगलवार में महारत हासिल है। जवानों ने टेकलगुड़ेम में कैम्प स्थापना के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया कि नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हमारे कई साथी घायल हुए लेकिन हमारी टीम ने डटकर मुकाबला किया और कैम्प स्थापित करने में सफल हुए, जिसके कारण नक्सलियों को गांव छोडकर भागना पड़ा।
जवानों ने अबूझमाड़ की चुनौतियों के बारे में मुख्यमंत्री को बताया। उन्होंने कहा कि दुर्गम इलाकों में कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद सभी जवानों का मनोबल ऊंचा है। हमारी तैनाती संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में होती है और हम हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारा राज्य नक्सलमुक्त हो। हम सब जवान टीम वर्क के साथ अभियानों को अंजाम देते हैं। नक्सल ऑपरेशन के दौरान जब जवान घायल होते हैं तब उनके लाइफ सपोर्ट के लिए भी टीम हमेशा मुस्तैद रहती है। ग्राउंड जीरो से हायर मेडिकल फेसिलिटिज तक जवानों को ले जाने के लिए एयर लिफ्ट करने का काम भी तत्काल किया जाता है।