नई दिल्ली ।प्रदूषण से कोरोना वायरस अधिक सक्रिय हुआ है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। गम्भीर मरीज भी बढ़ रहे हैं। मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया समेत एल-3 कोविड अस्पतालों में 15 दिन पहले 100 से ज्यादा वेंटीलेटर बेड खाली हो गए थे। जो अब दोबारा से भर गए हैं। आईसीयू बेड के लिए मरीजों को चार से सात दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। डाक्टरों का कहना है कि यदि प्रदूषण पर नियंत्रण नही किया गया तो संभावित कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के लिए अधिक घातक साबित होगा। पीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख व कोविड अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. जिया हाशिम बताते हैं कि प्रदूषण से समस्या गंभीर हो रही है। अक्टूबर में संक्रमित मरीज कम होने पर गम्भीर मरीजों की संख्या में कमी आयी थी। आईसीयू वार्ड में मरीजों का दबाव कम हुआ था। करीब 15 दिन पहले पीजीआई के कोविड अस्पताल के 80 वेंटीलेटर बेड में से करीब 15 खाली हो गए थे। वहीं केजीएमयू में 195 के मुकाबले करीब 20, लोहिया 20 बेड के मुकाबले तीन बेड खाली हो गए थे। इसके अलावा वेंटीलेटर वाले निजी अस्पताल एरा मेडिकल कालेज, विवेकानंद, सहारा, मेदान्ता अपोलो मेडिक्स, चंदन, मेयो में 75 से ज्यादा आईसीयू बेड खाली हो गए थे। अब इनमें से अधिकांश बेड दोबारा भर गए हैं। शहर में कोरोना के 30 कोविड हॉस्पिटल और आइसोलेशन सेंटर हैं। इसमें एल- 3 के 10 अस्पताल, एल-2 के 8 अस्पताल बाकी अन्य एल- 1 और आइसोलेशन सेंटर 12 बनाए गए थे। इनमें से पांच को कोविड से हटा दिया गया है।