फ्यूचर रिटेल को राहत, रिलायंस सौदे के साथ आगे बढ़ने पर रोक का आदेश स्थगित

नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को 24,713 करोड़ रुपये के रिलायंस सौदे के साथ कदम आगे बढ़ाने से रोकने के एकल न्यायधीश के फैसले को स्थगित कर दिया। रिलायंस के साथ एफआरएल के सौदे को लेकर ई- वाणिज्य कंपनी अमेजन ने एतराज जाहिर किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की एक खंड पीठ ने फ्यूचर समूह की अपील पर सुनवाई करते हुए एकल न्यायधीश के 18 मार्च के फैसले पर रोक लगाने के साथ ही अमेजन को नोटिस भी जारी किया है। खंड पीठ ने मामले को 30 अप्रैल के लिए सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर कहा, कि हम एकल न्यायधीश के 18 मार्च 2021 के फैसले को सुनवाई की अगली तिथि तक स्थगित करते हैं। खंड पीठ ने एकल न्यायधीश द्वारा फ्यूचर समूह के किशार बियाणी और अन्य की संपत्ति को कुर्क करने और 28 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने के निर्देश को भी स्थगित कर दिया। पीठ ने फ्यूचर समूह और उसके निदेशकों को 20 लाख रुपये लागत के तौर पर प्रधानमंत्री राहत कोष में दो सप्ताह के भीतर जमा कराने के निर्देश पर भी रोक लगा दी। यह धन दिल्ली में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) वर्ग के वरिष्ठ नागिरकों को कोविड- 19 का टीका लगाने के लिये इस्तेमाल किया जाना था। दरअसल एकल न्यायधीश का फैसला अमेजन की उस याचिका पर आया था जिसमें उसने सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थता अदालत के 25 अक्टूबर 2020 को दिए निर्णय को लागू कराने के लिए अदालत से गुहार लगाई थी साथ ही फ्यूचर रिटले को रिलायंस रिटेल के साथ हुई सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने का निर्देश देने की भी अदालत से अपील की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने उच्च न्यायालय में फ्यूचर समूह की ओर से पेश होकर एकल न्यायधीश द्वारा 18 मार्च को दिए सभी आदेशों को स्थगित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले खंड पीठ ने एकल न्यायधीश के पहले के आदेशों पर भी अंतरिम रोक लगाई थी और उच्चतम न्यायालय में भी इस नहीं रोका गया था। उच्चतम न्यायालय भी मामले को देख रहा है। साल्वे ने दलील दी कि एकल न्यायधीश को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए था क्योंकि उच्चतम न्यायालय भी मामले में सुनवाई कर रहा है और उच्च न्यायालय की खंड पीठ पहले ही मामले को देख रही है।

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