नई दिल्ली,केंद्र सरकार ने गैर निवासी भारतीयों (NRI) द्वारा विदेश में कमाई गई आय पर भारत में कर देने के बजट में किए गए प्रावधान पर स्पष्टीकरण जारी किया है। सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया है कि अगर कोई एनआरआई विदेश में आय अर्जित करता है तो उसे तब तक भारत में टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जब तक कि वह आमदनी किसी भारतीय कारोबार या पेशे से नहीं हुई हो।
वित्त विधेयक, 2020 में प्रस्ताव रखा गया है कि किसी भारतीय नागरिक को भारत में निवासी माना जाएगा, अगर वह किसी देश या अधिकार क्षेत्र में कर लगाए जाने के लिए उत्तरदायी नहीं है। यह एक दुरुपयोग-रोधी प्रावधान है, क्योंकि ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ भारतीय नागरिक भारत में कर भुगतान से बचने के लिए निम्न या कर रहित अधिकार क्षेत्र में अपना ठहराव स्थानांतरित कर लेते हैं।
सरकार का यह स्पष्टीकरण वित्त विधेयक 2020 के प्रस्ताव के बाद आया है। प्रस्ताव के मुताबिक, हर भारतीय नागरिक जो अपने निवास या प्रवास के कारण किसी अन्य देश में कर देने के लिए पात्र नहीं है, उसे प्रवासी भारतीय माना जाएगा और इसलिए उसकी विदेश में कमाई गई आय भारत में कर योग्य होगी। सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, यह एक एंटी अब्यूज प्रोविजन (विरोधी दुरुपयोग प्रवाधान) है, क्योंकि यह देखने में आया है कि कुछ भारतीय नागरिक भारत में टैक्स देने से बचने के लिए कम टैक्स वाले या टैक्स नहीं लेने वाले देश रहने के लिए चले जाते हैं।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, नए प्रावधान का उद्देश्य उन भारतीय नागरिकों को टैक्स के दायरे में लाना नहीं है, जो अन्य देशों में कानूनी रूप से काम करते हैं। प्रस्तावित प्रावधान को लेकर यह व्याख्या कि मध्य पूर्व सहित अन्य देशों में कानूनी रूप से काम करने वाले लोग और जो लोग इन देशों में कर देने के पात्र नहीं हैं उनकी विदेश में कमाई गई आय पर कर लगेगा, यह गलत है।