नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में करीब दो महीने से शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील की थी। कोर्ट से रास्ते को खोले जाने की अपील की गई है।
वहीं, कल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी शाहीन बाग का इलाका काफी संवेदनशील माना जा रहा है। दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इलाके में आने वाले सभी पांच मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा है।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रणबीर सिंह ने कहा ने कहा कि मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए सुरक्षा बल इलाके में मार्च और गश्त करेंगे। पुलिस बल और चुनाव कर्मी सतर्कता बरतेंगे और हर वक्त हालात की निगरानी करेंगे।
बता दें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने संबंधी भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई की तारीख जानने के लिए मंगलवार को भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग को संबद्ध अधिकारी के पास जाने को कहा था।
भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से लोगों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
इससे पहले 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है। बच्चों की इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का जो रास्ता बंद है, पुलिस उस पर ध्यान देकर एक्शन ले ताकि छात्रों को परेशानी न हो। जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि सरिता विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बातों पर गौर करे और उसका समाधान करें।
गौरतलब है कि फेडरेशन ने अदालत में याचिका डालकर कहा था कि बहुत से छात्र जो कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रास्ते से होकर बोर्ड परीक्षा के लिए जाएंगे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि यह रास्ता 15 दिसंबर से बंद है।