नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। शुरुआती रुझान में आम आदमी पार्टी का दिल्ली में मंगल हो गया है। भाजपा एक बार फिर सत्ता से दूर है। चुनाव के नतीजे जहां केजरीवाल का राजनीतिक कद मजबूत करेंगे, वहीं भाजपा के लिए जोर का झटका साबित होंगे। दोपहर तक सभी नतीजे सामने आ जाएंगे। दिल्ली में 8 फरवरी को वोटिंग हुई थी और इस बार करीब 62 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव में कुल 672 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार सबसे ज्यादा निगाहें ओखला सीट पर होंगी जहां पिछले करीब 50 दिनों से शाहीन बाग में आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा नई दिल्ली, पटपडग़ंड, हरिनगर, मॉडल टाउन, करोल बाग, कालकाजी, राजेंद्रनगर जैसी सीटों पर भी सबकी नजर रहेगी। हालांकि, ओखला में आप आगे चल रही है। हालांकि, शुरुआती रुझानों से यह स्पष्ट होने लगा है कि दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिख रही है। जैसे-जैसे रुझान आने लगे, तस्वीरें साफ होती चली गईं, जिसके मुताबिक, दिल्ली में फिर आप की सरकार बन सकती है। काउंटिंग के मद्देनजर मतगणना स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।




कुल 21 मतगणना केंद्र
दिल्ली के 11 जिलों में कुल 21 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि 33 मतगणना पर्यवेक्षकों सहित लगभग 2,600 मतगणना कर्मचारी मतगणना में शामिल हुए हैं। प्रत्येक केंद्र पर मतगणना होने तक कम से कम 500 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वोटों की गिनती का काम सीसीटीवी, वीडियो कैमरे की निगरानी में किया जा रहा है।
कपिल मिश्रा पीछे
मॉडल टाउन विधानसभा सीट के लिए मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुआ। शुरुआती रुझानों के मुताबिक भाजपा नेता कपिल मिश्रा पीछे चल रहे है। आठ फरवरी को यहां पर 59.35 प्रतिशत मतदान हुए थे।बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आप के उम्मीदवार अखिलेश पति त्रिपाठी ने भाजपा के विवेक गर्ग को 16706 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। अखिलेश पति त्रिपाठी को 54628, जबकि विवेक गर्ग को 37922 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर 8992 वोट के साथ कांग्रेस के कंवर करण सिंह थे।
दल बदलकर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर सबकी नजर
दिल्ली चुनाव में दल बदलने वाले नेताओं पर सभी की नजर है। क्योंकि चुनावी नतीजे नका राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। दिल्ली के इस चुनाव में 10 से अधिक ऐसे नेता है जो दल बदलकर चुनाव लड़ रहे है। इसमें बड़े चेहरों में कपिल मिश्रा, अलका लांबा, रामसिंह नेता समेत अन्य लोग शामिल है। उसमें आप के वह विधायक भी है जो टिकट कटने के बाद मैदान में है। दल बदलकर चुनाव लडऩे वालों में सबसे अधिक आम आदमी पार्टी से मैदान में है। इसमें द्वारका से महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा, बदरपुर से रामसिंह नेताजी, मटियामहल से शोएब इकबाल, चांदन चौक से प्रहलाद साहनी, हरि नगर से राजकुमारी ढिल्लन समेत अन्य नेता है। पार्टी के साथ इनकी भी प्रतिष्ठा भी दांव है। यह सब बड़े राजनीतिक है या राजनीतिक परिवार से आते है। दल बदलने के बाद चुनावी नतीजों से इनका आगे का राजनीतिक भविष्य तय होगा। इसी तरह भाजपा से मॉडल टाउन से कपिल मिश्रा, गांधी नगर से अनिल वाजपेयी का चुनावी परिणाम भी उनके राजनीतिक दिशा तय करेगा। यह दोनों ही आम आदमी पार्टी से भाजपा में आएं थे। आप से नाराज होकर कांग्रेस से चांदनी चौक से सीट चुनाव लड़ अलका लांबा का भी भविष्य इन चुनावी नतीजों पर निर्भर है। हालांकि यह सभी नेता अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं टिकट कटने से नाराज आप विधायक एनडी शर्मा जो कि बसपा से बदरपुर से चुनाव लड़ रहे है। कमांडो सुरेंद्र दिल्ली कैंट से एनसीपी से चुनाव लड़ रहे है। उनकी हार जीत आगे का राजनीतिक भविष्य तय होगा। दोनों को पार्टी ने मनाने की कोशिश की थी मगर वह नहीं माने। दूसरे दलों से चुनाव मैदान में उतरे है।
शाहीनबाग में अमानतुल्लाह खान आगे
ओखला सीट पिछले कुछ वक्त से काफी चर्चाओं में रही है। शाहीन बाग का प्रदर्शन भी इसी के अंतर्गत आता है। इस सीट पर आप विधायक और वर्तमान प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान शुरुआती रुझान में आगे चल रही है। बता दें कि आप के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान फिर से मैदान में हैं। भाजपा ने ब्रह्म सिंह को और कांग्रेस के दिग्गज नेता परवेज हाशमी को टिकट दिया है। बताते चलें कि खान ने साल 2015 में भाजपा के ब्रह्म सिंह को 64,532 मतों से हराया था। इस बार इस सीट पर सबकी नजर रहेगी क्योंकि यहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं और इस सीट पर चुनावी सरगर्मी कम सीएए-एनआरसी के विरोध की चर्चा ज्यादा है।

