राजनांदगांव। अवैध निजी स्कूलों से बिना जुर्माना वसूले स्कूल संचालित करने की अनुमति दिया जाने का मामला अभी सुलझा ही नहीं था कि एक और मामला ने शिक्षा विभाग के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। शिक्षा विभाग के द्वारा बीते साल थोक के भाव में अनुमति व मान्यता दिया गया, जिन निजी स्कूलों पर भारी जुर्माना अधिरोपित किया उन स्कूलों से बिना जुर्माना वसूले ही मान्यता दे दिया गया। जिसकी लिखित शिकायत छग पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग, जिला दुर्ग से किया गया जिस पर जांच के आदेश दिये गये है।
सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के अनुसार इन्द्रधनुश प्ले इंलिग्श मिडियम स्कूल, डोंगरगढ़ को नर्सरी से लेकर केजी-2 तक तीन वर्षो की अवधि के लिये शिक्षा विभाग ने विभागिय मान्यता जारी किया है, लेकिन मान्यता प्रमाण पत्र में जावक क्रमांक और दिनांक ही नहीं लिखा हुआ है। इतना ही नहीं इस स्कूल को मान्यता कोड संख्याक बी.049 भी आंबटित किया गया है।
सवाल यह उठ रहा है कि बिना जावक क्रमंाक और दिनांक डाले कैसे किसी स्कूल को विभागीय मान्यता जारी किया जा सकता है, क्योंकि जावक पंजी में इस पत्र को इंट्री करना होता है, जिसका पूर्ण विवरण भी लिखना होता है, उसके पश्चात् ही पत्र जारी किया जाता है, लेकिन इस पत्र में तत्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर भी है, इसलिए यह मामला अंत्यत गंभीर होता जाता है, क्योंकि शासकीय पत्र को अनाधिकृत तरीके से जारी किया गया है।
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फोटो : क्रिष्टोफर पॉल
निजी स्कूलों को मान्यता देने में जान-बुझकर लापरवाही की जारी रही है जिसकी लिखित शिकायत अनेकों बार की गई, लेकिन जांच नहीं किया जाता है। यह मामला तो बेहद गंभीर है, इसकी तत्काल निष्पक्ष जांच होना चाहिए।
क्रिष्टोफर पॉल, प्रदेश अध्यक्ष-छग पैरेंट्स एसोसियेशन।