बीजिंग। ऑस्ट्रेलिया के एक थिंक टैंक ने दावा किया कि चीन हजारों उइगर बंदियों को नजरबंदी शिविरों से बाहर निकाल रहा है और जबरन कारखानों में काम करवा रहा है। दुनिया की शीर्ष कंपनियों एपल, बीएमडब्ल्यू और सोनी पर भी आरोप लगाया गया है कि वे चीन में अपनी आपूर्ति के लिए बंधुआ मजदूरों का इस्तेमाल कर रही हैं। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने कहा, चीन सरकार ने झिंजियांग के शिविरों से 80 हजार या उससे अधिक उइगर मुस्लिमों को देशभर के कारखानों में स्थानांतरित कर दिया है। थिंक टैंक ने कहा, उइगर 83 प्रसिद्ध तकनीकी, कपड़ा और ऑटोमोटिव क्षेत्र के कारखानों में जबरन काम को मजबूर हैं। इनमें एपल, बीएमडब्ल्यू, गैप, हुआवे, सैमसंग, सोनी और फॉक्सवोगन के कारखाने भी शामिल हैं। कंपनियां बंधुआ मजदूरों का इस्तेमाल कर श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं।