नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार के नीतिगत सरलीकरण से देश में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश के एमएसएमई क्षेत्र में अब लगभग 80 लाख महिला उद्यमी हैं और पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी के तहत महिला उद्यमियों द्वारा लगभग 38% की वृद्धि के साथ उद्यमों की स्थापना हो रही है। गडकरी ने कल शाम नई दिल्ली में महिला उद्यमी सशक्तिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार महिला उद्यमियों के साथ कोई भेदभाव नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने महिला उद्यमियों से उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण में उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। गडकरी ने यह माना कि महिला उद्यमियों को हतोत्साही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सभी बाधाओं का लंबे समय तक सामना करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने बताया कि सरकार एमएसएमई उत्पादों के विपणन के लिए अलीबाबा मंच की तर्ज पर एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नई वेबसाइट शुरू करने पर काम कर रही है। 6000 से अधिक महिलाओं को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा अगरबत्ती विनिर्माण और पैकेजिंग में प्रशिक्षित किया गया है। जम्मू-कश्मीर में बारामुला जिले के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में बिजली से मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में 150 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है। इसके अलावा पुलवामा में लगभग 25 लड़कियों और कठुआ में लगभग 100 लड़कियों को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया है। जम्मू के पास नगरोटा की 125 महिलाएं हर रोज 7500 खादी की रुमालें बना रही हैं। अब केंद्रीय मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 25% खरीदारी एमएसएमई से कर रहे हैं। यह भी निर्देश दिया गया है कि 4% खरीदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों और 3% खरीदारी महिला उद्यमियों से होनी चाहिए। शहद उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैश्विक बाजार में शहद उत्पादों को बेचने के लिए एक मार्केटिंग वेबसाइट पर काम चल रहा है। महिलाओं को ‘सौर चरखे’ भी दिए जा रहे हैं।