बंधक बनाए गए ‎‎विधायकों को मुक्त करायें राज्यपाल : कमलनाथ

– कमलनाथ ने राजपाल को लिखा पत्र, कहा भाजपा सत्ता हथियाने अनैतिक साधनों का प्रयोग कर रही
– फ्लोर टेस्ट की बात भी कही
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर भाजपा द्वारा सरकार गिराने में अनैतिक और गैरकानूनी साधन अपनाने का आरोप लगाया है।
पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि सबसे पहले 3 और 4 मार्च की आधी रात को विधायकों को बेंगलुरु ले जाने की कोशिश की गई जिसे कांग्रेस के नेताओं ने असफल कर दिया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 8 मार्च 2020 को चार्टेड एयरक्राफ्ट के द्वारा कांग्रेस के 19 एमएलए को बेंगलुरु ले जाकर बंधक बना लिया जिनमें से 6 कैबिनेट मंत्री हैं। इन लोगों को एक अलग रिसॉर्ट में रखा गया है जहां इनसे संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है और ना ही किसी को मिलने दिया जा रहा है। पत्र में लिखा है कि 10 मार्च को शाम 5:30 बजे अचानक होली के दिन ही भाजपा के वरिष्ठ नेता विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर पहुंचे और कथित रूप से 19 कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देते समय 19 में से कोई भी कांग्रेसी विधायक व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित नहीं था। इससे इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेताओं की लिप्तता और गैरकानूनी कदमों का का खुलासा हो रहा है।
अपने लगभग ढाई पृष्ठ के पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इससे संवैधानिक संकट पैदा होने के साथ-साथ संसदीय प्रक्रिया और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार 12 मार्च 2020 को मध्यप्रदेश के 2 कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी के साथ बेंगलुरु में बंधक बनाए गए कांग्रेसी विधायक मनोज चौधरी से मिलने गए थे जहां उन तीनों के साथ बीजेपी के गुंडों और कर्नाटक पुलिस ने दुर्व्यवहार किया यह कानून का मखौल उड़ाना तो है ही वहीं भाजपा के नेताओं द्वारा वैधानिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोकतंत्र का वजूद खतरे में है, एक पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का विश्वास खत्म हो रहा है, ऐसी स्थिति में इस पूरे षडयंत्र की जांच और पर्दाफाश होना जरूरी है ताकि उन लोगों के चेहरे सामने आ सकें और उन्हें दंडित किया जा सके जो संवैधानिक प्रक्रिया को आघात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री आगे लिखते हैं कि संवैधानिक संस्थाओं की प्रक्रिया के प्रति हमारी प्रतिबद्धता निर्विवाद है, हम बंधक बनाए गए कांग्रेसी विधायकों के भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए इस्तीफा की जांच की अपेक्षा रखते हैं। कांग्रेस का जिम्मेदार नेता होने के नाते मैं 16 मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं आगामी विधानसभा सत्र में मेरी सरकार का विश्वास मत प्राप्त करने के लिए फ्लोर टेस्ट का स्वागत करना चाहूंगा, वर्तमान हालातों में कोई भी चुनी हुई सरकार यही कर सकती है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि हम मध्यप्रदेश की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए और वैधानिक प्रक्रिया तथा संविधान की मर्यादा बनाए रखने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह राज्य के प्रमुख होने के नाते अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए बंधक बनाए गए विधायकों की मुक्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह करें।
एसजे/राजेश/12.30/ 13 मार्च 2020

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