इस साल जुलाई ने तोड़ा गर्मी का रिकॉर्ड, 1901 के बाद छठा सबसे गर्म महीना

नई दिल्ली. जुलाई का महीना आते-आते देश के लगभग हर हिस्से में मानसूनी बारिश होती है. इस बार भी इस महीने में देश के लगभग हर हिस्से में बारिश तो जम कर हुई लेकिन तापमान ने भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. साल 1901 के बाद इस बार जुलाई छठा सबसे गर्म महीना रहा. आंकड़ों के अनुसार जुलाई में औसत तापमान 28.52 डिग्री सेल्सियस- सामान्य से 0.55 डिग्री अधिक था. जलवायु संबंधी ये आंकड़े मौसम विज्ञान विभाग पुणे (IMD) की तरफ से जारी किए गए हैं.

इस बार प्रायद्वीपीय भारत को छोड़ दें तो जुलाई के महीने में रातें भी काफी गर्म रही. प्रायद्वीपीय इलाके में जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी. आंकड़ों पर नज़र डालें तो साल 1901 के बाद 5 में से 4 सबसे गर्म जुलाई के महीने पिछले दशक में रहे. इससे ये पता चलता है कि हाल के दिनों में औसत तापमान में खासा इज़ाफा हुआ है.

इस बार कम हुई बारिश
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने मौसम विभाग के हवाले से लिखा है कि देश भर में जुलाई में 7% बारिश की कमी थी. पूर्व और उत्तर पूर्व भारत में 26% की कमी थी, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 7% की कमी थी, लेकिन प्रायद्वीपीय भारत में 27% अधिक बारिश हुई. राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों को छोड़कर, मानसून ने 19 जून तक देश के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया. उसके बाद, मानसून ने 11 जुलाई तक ‘ब्रेक’ फेज में प्रवेश किया. आईएमडी पुणे के वैज्ञानिक ओपी श्रीजीत ने कहा कि जुलाई में उच्च न्यूनतम और अधिकतम तापमान को कम बारिश से जोड़ कर देखा जा सकता है.

लगातार बढ़ रहा तापमान
सबसे गर्म जुलाई का महीना 2019 में दर्ज किया गया था, जो सामान्य से 0.68 डिग्री अधिक 28.65 डिग्री सेल्सियस था. दूसरा सबसे गर्म जुलाई का महीना 2015 में रहा, जब औसत 28.63 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. तीसरा 1987 में 28.61 डिग्री सेल्सियस के औसत के साथ था. 2014 में चौथा और 2020 में पांचवां.

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