गांधी जी ने पढ़ाई लोगों को आजाद भारत की कहानी

रायपुर । छत्तीसगढ़ में आजादी के पहले महात्मा गांधी का पहली बार आगमन 20 दिसंबर 1920 को कंडेल नहर सत्याग्रह लेकर हुआ था। दूसरी बार आगमन 22 नवंबर 1933 में हुआ, जिस दौरान आजादी की लड़ाई के लिए गांधी जी छत्तीसगढ़ में विभिन्न जगहों पर सभा संबोधित किया। वहीं, तीसरी बार ट्रेन से कोलकाता जाने वक्त रायपुर रेलवे स्टेशन में 1946 में पहुंचे थे। इस दौरान राजधानी के कई लोग समेत स्कूली विद्यार्थियों ने स्वागत किया था।स्वागत में राजधानी के डाइट कालेज पेंड्रा से सेवानिवृत्त प्राचार्य 94 वर्षीय सुरेश ठाकुर ने ड्राइंग पेपर में बापू की तस्वीर बनाकर हस्ताक्षर लिया था। सुरेश ठाकुर ने बताया कि जब मैं सेंट पाल स्कूल में 10वीं का छात्र था उस समय हम लोगों को महात्मा गांधी के स्वागत करने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। तब विद्यार्थियों को सामने खड़ा किया गया था।तभी इत्तेफाक से जब ट्रेन आई तो सीधे मेरे पास रुक गई। इसके बाद महात्मा गांधी कुछ मिनट के लिए ट्रेन उतारे। उसी समय मेरे द्वारा बनाई गई उनकी तस्वीर में मैंने उनके हस्ताक्षर की मांग की। महात्मा गांधी तुरंत हामी भरी। उन्होंने तुरंत हिंदी में हस्ताक्षर किया और मो.क.गां लिखकर दिया। सुरेश बताते हैं कि इसके बाद उस तस्वीर को सेंट पाल स्कूल में दे दिया।जहां काफी दिनों तक स्कूल में उस तस्वीर को रखा गया। वहीं, जिस बिल्डिंग में तस्वीर रखी गई थी वह टूट गई।

 

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