इजरायल ने भारत के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को मान्यता पर भरी हामी, फिर शुरू होगी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर वार्ता

येरुशलम । दुनिया के अगर 200 सौ से ज्यादा देशों को देखा जाए तो भारत एकलौता ऐसा देश है, जिसके आपस में कट्टर दुश्मन माने जाने वाले इजरायल और ईरान दोनों के साथ करीबी और रणनीतिक संबंध हैं। जितना इजरायल हमारे लिए महत्व रखता है, उतना ही ईरान भी।
हाल के दिनों में इजरायल भारत के ज्यादा करीब आ गया है। पिछले कुछ सालों में दोनों के बीच रक्षा सौदे भी साइन हुए हैं। भारत इजरायली हथियारों का नंबर एक खरीदार है। इसके साथ ही भारत को जब कभी इमरजेंसी बेसिस पर मिसाइल, बम या किसी और हथियार की जरूरत पड़ी, इजरायल ने हमेशा भारत का सहयोग किया। वैसे तो दोनों देश एग्रीकल्चर, बायोटेक्नोलॉजी और आईटी के फील्ड में भी साथ काम कर रहे हैं। लेकिन दोनों देशों के संबंधों का मुख्य आधार डिफेंस कॉरपोरेशन और इंटेलिजेंस शेयरिंग ही है।
दोनों देशों के बीच इन्हीं संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पांच दिन के इजरायल दौरे पर हैं। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने अपने इजरायली समकक्ष यायर लापिड से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को पारस्परिक रूप से मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की। इजरायल से पहले करीब 30 देश भारत के कोविड 19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को आपसी सहमति के आधार पर मान्यता दे चुके हैं।
भारत और इजरायल मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अगले माह से बातचीत फिर शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। दोनों पक्ष इस समझौते को अगले साल जून तक पूरा करने के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और इजराइल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री याइर लापिद के बीच अत्यंत सार्थक बातचीत हुई। जयशंकर ने लापिद से मुलाकात के बाद कहा हमारे अधिकारी वास्तव में नवंबर में भारत-इजराइल मुक्त व्यापार वार्ता को फिर शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
उन्हें पूरा भरोसा है कि हम अगले जून तक वार्ता को पूरा करने में सक्षम होंगे। लापिद ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों और व्यापारिक समुदायों के हित में एफटीए को जितनी जल्दी हो सके अंतिम रूप दिया जाएगा। गौरतलब है कि विदेश मंत्री की इस यात्रा का लक्ष्य भारत एवं इजरायल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों की संभावना को तलाशना है। इजरायल में सरकार बदलने के बाद अब नफ्ताली बेनेट प्रधानमंत्री बन गए हैं। नए प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच ये पहली हाई प्रोफाइल मुलाकात है। ताकी बेंजामिन नेतन्याहू के दौर में जो भी डील हुई उसे और भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए।

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