ममता बनर्जी को झटका, शिवसेना के बाद अब इस पार्टी ने भी TMC से फेरा मुंह

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के खिलाफ जेहाद की घोषणा करने वाली टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अब कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई में अकेले पड़ती जा रही हैं. महाराष्ट्र में शिव सेना (Shiv Sena) के बयान के बाद अब झारखंड में कांग्रेस की गठबंधन पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने भी ममता बनर्जी से मुंह फेरना आरंभ कर दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी कहा है कि वे तृणमूल के बजाय कांग्रेस को तरजीह देंगे. आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में हेमंत सोरेन राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ दिखाई देंगे.

बता दें कि ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के दौरान ‘यूपीए का अस्तित्व नहीं’ के बयान की शिव सेना ने कड़ी आलोचना की थी. ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर संप्रग के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ बीजेपी और ”फासीवादी” ताकतों को मजबूत करने के समान है. जो लोग बीजेपी से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए तो यह रुख ”सबसे बड़ा खतरा”है. इसने कहा कि अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी तो बीजेपी का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड में यूपीए की सबसे शक्तिशाली पार्टी है. सोरेन पड़ोसी राज्य में कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. उन्होंने हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी के लिए समर्थन दिया था. बंगाल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा था, जबकि कांग्रेस ने फिर वामपंथियों से हाथ मिला लिया, लेकिन विधानसभा चुनाव के विपरीत अब झारखंड मुक्ति मोर्चा साल 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को दरकिनार करते हुए, ममता बनर्जी जिस समानांतर गठबंधन की बात कर रही है, उसमें उसे ज्यादा दिलचस्पी नहीं है

हालांकि, ममता बनर्जी अभी भी खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए वह अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, हेमंत सोरेन की टीम के व्यक्तिगत रूप से उनके पक्ष में नहीं होने की सबसे अधिक संभावना है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के पक्ष में रहेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा की महासचिव और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा, “हम यहां कांग्रेस के साथ गठबंधन में एक मजबूत और स्थिर सरकार चला रहे हैं. हमने पिछले दो चुनाव लड़े हैं. साल 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक साथ थे. मुझे यहां 2024 में भी उस समीकरण में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है.”

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बजाय ममता की पार्टी को समर्थन देने के फैसले के बारे में सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा, “ममता का समर्थन सिर्फ पड़ोसी राज्य में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए किया गया था.” उन्होंने कहा, “2024 के आम चुनाव में हमारा लक्ष्य वही रहेगा. हम बीजेपी को केंद्र से बाहर करने के लिए एकजुट होना चाहते हैं. उसके ऊपर, पश्चिम बंगाल की तरह, झारखंड में जमीनी स्तर पर कोई संगठनात्मक ताकत नहीं है. हमारा कांग्रेस के साथ एक स्थिर गठबंधन है, जो मौजूदा सरकार में दूसरी सबसे बड़ी ताकत है.”

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