79 फीसदी भारतीय लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में

नई दिल्ली। लॉकडाउन समाप्त होने में पांच ‎दिन बाकी है, लेकिन देश के 79 फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना संकट को देखते हुए इसे आगे बढ़ाया जाए। ऑनलाइन सर्वेक्षण कंपनी के लोकल सर्किल ने बताया है कि देश में लोग इसे कम से कम 30 अप्रैल तक और ज्यादा से ज्यादा 15 मई तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। देश के 280 जिलों से 26,000 लोगों से इस बारे में उनकी राय ली गई। 29 फीसदी का मानना है कि अखिल भारतीय स्तर पर लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं छह फीसदी लोगों का कहना है कि लॉकडाउन को 15 मई तक बढ़ाया जाना चाहिए। सर्वेक्षण में 14 फीसदी लोगों का कहना था कि जिन जिलों में कोरोना महामारी के मामले नहीं हैं, उन्हें खोल देना चाहिए। 28 फीसदी लोगों का कहना है कि 31 मार्च के बाद जिन जिलों में कोविड-19 के मामले नहीं सामने आए हैं या कोई सक्रिय केस नहीं दिखे हों सिर्फ वहीं लॉकडाउन खुले बाकी जगहों पर जारी रहे।

11 फीसदी लोगों का मानना है कि उन सभी जिलों को खोल देना चाहिए जहां 20 से कम मामले देखने को मिले हों। सर्वेक्षण में चार फीसदी लोग चाहते हैं कि जिन जिलों में 50 से कम मामले हुए हों उन्हें 15 अप्रैल से खोल देना चाहिए। सारे आंकड़ों को एक साथ देखने पर पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 79 फीसदी लोगों ने पूर्ण रूप से देश में लॉकडाउन बढ़ाए जाने की राय रखी है। सर्वेक्षण में लोगों से ये भी पूछा गया कि अगर सरकार 15 अप्रैल से लॉकडाउन को खत्म करने का ऐलान करती है तो पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन मसलन रेल, सड़क और हवाई सेवाओं की शुरुआत कैसे की जानी चाहिए। 55 फीसदी लोगों ने कहा कि जिलों के अंदर की यातायात व्यवस्था को बंद रखा जाना चाहिए। वहीं 21 फीसदी लोगों की राय है कि जिन जिलों को लॉकडाउन से छूट मिलेगी वहां यातायात को खोला जाना चाहिए। लॉकडाउन से हो रही मुश्किलों के बाद भी लोगों को लगता है कि यही कोरोना महामारी से निपटने के लिए एकमात्र उपाय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से बैठक करेंगे। संभव है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री लॉक डाउन को आगे बढ़ाने और महामारी से निपटने के उपायों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

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