शुरू हुआ मेयर इन काउंसिल का गठन, भिलाई चरौदा निगम में हुआ MIC का गठन

भिलाई चरौदा नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे ने तीनों निगम में सबसे पहले सोमवार को मेयर इन काउंसिल का गठन कर दिया। उन्होंने अपने 8 सदस्यीय एमआईसी मेंबर्स की घोषणा कर आदेश जारी कर दिया। चरौदा निगम के एमआईसी में सबसे अच्छी बात यह देखने को मिली कि अध्यक्ष ने 8 में तीन एमआईसी के पद महिला पार्षदों को दिया है। रिसाली और भिलाई नगर निगम की एमआईसी का गठन कर दो से तीन के अंदर लिस्ट जारी की जा सकती है।

भिलाई तीन चरौदा के मेयर निर्मल कोसरे ने अपनी 8 सदस्यीय एमआईसी में बेहतर से बेहतर नाम को लाने की रणनीति बनाई है। घोषित मेयर इन काउंसिल के अनुसार आवास पर्यावरण एवं लोक निर्माण का प्रभारी संतोष तिवारी को बनाया गया है। इसी तरह जलकर विभाग एन. जानी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग देव कुमारी भलावी और राजस्व तथा बाजार विभाग की जिम्मेदारी मोहन साहू को दी गई है। शिक्षा तथा महिला, बाल विकास विभाग दिप्ती वर्मा, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग मनोज कुमार और पुनर्वास तथा नियोजन विभाग ईश्वर साहू को दिया गया है। विधि तथा सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संतोषी निषाद को सौंपी गई है।

रिसाली की मेयर इन काउंसिल लगभग तय- रिसाली नगर निगम की मेयर इन काउंसिल का गठन लगभग हो चुका है। किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी यह तय हो चुका है। महापौर बनने से चूकी सीमा साहू को एमआईसी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि यहां भी एमआईसी में 3-4 महिला पार्षदों को जगह दी जा सकती है। अब सही मायने क्या होगा या आने वाले एक दो दिन में पता चल जाएगा।

भिलाई नगर निगम में मेयर इन काउंसिल का गठन होना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है। जिस तरह मेयर और सभापति के शपथ ग्रहण के दिन कांग्रेस नेताओं का विरोध खुलकर सामने आया है कांग्रेस उसे दोबारा वैसा नहीं होने देना चाहेगी। इसलिए वह काफी सोच समझकर नामों का चयन करेगी। यहां सबसे बड़ी चुनौती दो या उसेस अधिक बार जीत कर आए पार्षदों और विधायक देवेंद्र यादव के द्वारा खड़े किए गए पहली बार जीतकर आए नए चेहरों के बीच है। यदि नए चेहरों को अधिक तवज्जों दिया गया तो निश्चित तौर पर पुराने व दिग्गज पार्षदों में रोष बढ़ेगा। वहीं पुराने को को यदि जगह दी गई तो नीरज पाल का कद बढ़ेगा और पुराने लोग नए लोगों को उतनी दखल नहीं रखने देंगे। हालांकि नीरज पाल के मेयर बनने के साथ ही एकांश बंछोर उनके साय की तरह लगे हुए हैं। इससे साफ है कि किसी को कुछ मिले या न मिले एकांश को अहम जिम्मेदारी जरूर दी जाएगी, जिससे भिलाई नगर विधायक की सीधी दखल वहां बनी रहे।

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