कोरिया जिले के महिला स्व-सहायता समूहों की सक्रियता ने दूरस्थ वनांचल में लाॅकडाउन के दौरान भी जनजीवन को सामान्य बनाने में की मदद
लगभग 7 हजार परिवार तक पहुंचायी होम डिलीवरी सेवा
’बिहान‘ के महिला स्व-सहायता समूहों ने तैयार किए 1.33 लाख से ज्यादा मास्क
बैंक सखियों के द्वारा अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 12.50 लाख रूपए से ज्यादा राशि का भुगतान
रायपुर.
लाॅकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएं लोगों को राशन सामग्री वितरित करने, मास्क बनाने और वितरण करने तथा बैंक सखी के रूप में मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी, दिव्यांगों और बुजुर्गाें को पेंशन भुगतान करने तथा जनधन खातों से आहरण एवं सामान्य लेनदेन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कोरिया जिले मेें बिहान के 52 स्व-सहायता समूहों की 151 महिला सदस्यों द्वारा 24 लाख रुपए से अधिक राशि के कुल 1 लाख 33 हजार 348 मास्क बनाये जा चुके हैं। इससे जहां जिले के सभी क्षेत्रों में मास्क की आवश्यक आपूर्ति निर्बाध रूप से बनी हुई है, वहीं महिलाओं को आर्थिक सम्बल भी मिल रहा है। समूहों की महिलाएं लोगों को घर बैठे राशन, सब्जियां और दवाईयां उपलब्ध करा रही हैं, अब तक इन महिलाओं ने लगभग 7 हजार परिवार तक होम डिलीवरी सेवा पहुंचायी है। कोरिया जिले में ’बिहान‘ के महिला स्व-सहायता समूहों ने 1.33 लाख से ज्यादा मास्क तैयार किए हैं और जिले में बैंक सखियों के द्वारा अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 12.50 लाख रूपए से ज्यादा राशि का भुगतान किया जा चुका है।
कोरिया जिले के ग्रामीण अंचल के दूरस्थ गाँव मंे निवासरत परिवारों को बाजार दर पर ही सब्जी, राशन और दवाओं की आपूर्ति भी स्व-सहायता समूह की सक्रियता से सम्भव हुआ है। लॉकडाउन की ऐसी स्थिति में समूह की दीदियों ने शासन की मदद से ’’बिहान कोरिया मार्ट’’ के द्वारा बिहान घर पहुंच सेवा प्रारंभ की है, जिसके तहत ग्राम पंचायतों के सचिवों के माध्यम से मुनादी कर ग्राम पंचायतवार रोस्टर बनाकर पंचायतों में उनके पहुंचने का दिन निर्धारित किया गया है। कोरिया बिहान मार्ट में जुड़ी दीदियों को शासन के द्वारा पास जारी किया गया है, जिसकी मदद से सेनेटाईजेशन एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग (सोशल डिस्टेंस) का ध्यान रखते हुए राशन सामग्री, मास्क, हरी सब्जियॉ, जरूरी दवाईयॉ इत्यादि घर पर ही उपलब्ध करा रही हैं। अभी तक लगभग पांचों विकासखण्ड अंतर्गत लगभग 100 से ज्यादा पंचायतों में लगभग 7 हजार परिवार तक होम डिलीवरी सेवा पहुंचाई गई है और यह क्रम निरंतर जारी है।
वर्तमान स्थिति अनुसार जब कोई भी घर से बाहर न निकल रहा हो तब भी आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए पैसे होना जरूरी है। लोगों के पास पैसे की उपलब्धता सुनिश्चित करने में बैंक सखी सक्रियता से काम कर रही हंै। अब जबकि सारे आवागमन के साधन ठप्प हो गए हैं तब कोरिया जिले के दूरस्थ वनांचल के गांवों में 41 बंैक सखी-डिजी-पे के द्वारा वित्तीय सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें मनरेगा के श्रमिकों को मजदूरी, दिव्यांगो बुजुर्गों को पेंशन भुगतान और महिलाओं के जनधन खातों से आहरण एवं सामान्य लेने देन शामिल हैं। बैंक सखी घर-घर पहुच कर सेनेटाईजेशन एवं सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए हितग्राहियों को नगद राशि उपलब्ध कराने का कार्य कर रही हैं। अब तक लॉकडाउन के दौरान इन बैंक सखियों के द्वारा अभी तक 12 लाख 50 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान ग्रामीण इलाकों में किया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के तहत कोविड-19 के कारण उत्पन्न आपदा की स्थिति से निपटने हेतु कोरिया जिले में ग्राम संगठन स्तर पर आपदा कोष के रूप में राशि भी उपलब्ध कराई गई है। जिसका उपयोग ग्राम संगठन द्वारा अतिगरीब और निःशक्तों की सहायता हेतु किया जा रहा है। इस आपदा प्रबंधन कोष से मदद के तहत 20 ग्राम संगठनों द्वारा जिले में 400 परिवारों को राशन, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2 लाख रुपए से ज्यादा की आर्थिक सहायता दी गई है। इस तरह विभिन्न क्षेत्रों में समूह की गतिविधियां निरन्तर जारी हैं।
कोरिया जिले में महिला स्व-सहायता समूहों ने दूरस्थ वनांचल में लाकडाउन के दौरान जनजीवन सामान्य रूप से संचालित करने का काम किया है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्व सहायता समूहों की बहनों के द्वारा आमजन को राशन और राशि दोनों सहजता से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर व्याप्त महामारी से बचने के लिए सबसे सरल और सहज संसाधन मास्क के रूप में लाखों ग्रामीणों को उपलब्ध कराने का कार्य भी इन्हीं के द्वारा किया जा रहा है। कोरिया जिला पंचायत के अंतर्गत कार्यरत जिला मिशन प्रबंधन इकाई के नेतृत्व में आजीविका मिशन की बहनों ने वनांचल से आच्छादित जिले में समर्पण और सेवाभाव से सब कुछ आसान सा कर दिया है। वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शासन द्वारा देश में लाकडाउन किया गया। ऐसी स्थिति में लोगों के सामने इस महामारी से बचाव के साथ-साथ जरूरी सामान की उपलब्धता के लिए स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने आगे बढ़ कर कमान संभाली और आवश्यक संसाधन मास्क के निर्माण का जिम्मा सम्भाल लिया। लॉकडाउन का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब प्रत्येक व्यक्ति मास्क पहने एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे, किन्तु जिले के अंतर्गत लगभग 06 लाख जनसंख्या है। इतनी संख्या में मास्क मार्केट में उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में कोरिया जिले मेें बिहान के 52 स्व सहायता समूहों के 151 महिला सदस्यों द्वारा 24 लाख रुपए से अधिक राशि के कुल 1 लाख 33 हजार 348 मास्क बनाये जा चुके है। इससे जहां जिले के सभी क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति निर्बाध रूप से हुई है।