पेरिस । दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी से निपटने के लिए इंडोनेशिया फ्रांस से 42 राफेल फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। इंडोनेशिया के दौरे पर पहुंचीं फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने ट्वीट कर इस सौदे की पुष्टि की। भारत के बाद अब इंडोनेशिया के महाविनाशक राफेल जेट पर दांव लगाने से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जो नातुना द्वीप पर कब्जा करना चाहता है।
फ्लोरेंस ने ट्वीट करके कहा यह आधिकारिक है। इंडोनेशिया ने 42 राफेल फाइटर जेट का ऑर्डर दिया है। इस विमान को बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन ने कहा है कि यह समझौता लंबे समय तक चलने वाली साझेदारी की शुरुआत मात्र है। इससे उन्हें इंडोनेशिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी। फ्रांस और इंडोनेशिया में यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऑकस डील के बाद फ्रांस की हिंद प्रशांत क्षेत्र में रुचि और बढ़ गई है।
फ्रांसीसी रक्षामंत्री ने संकेत दिया कि इंडोनेशिया सबमरीन भी खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक गठजोड़ से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध मजबूत होंगे। बता दें कि लंबे समय से दोनों देशों के बीच राफेल विमानों की ब्रिकी को लेकर बातचीत चल रही थी। अब साउथ चाइना सी में न केवल ड्रैगन के युद्धपोतों बल्कि उसके फाइटर जेट्स के लिए भी खतरा बढ़ जाएगा। फ्रांस और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंधों की पिछले दिनों ही शुरुआत हुई है।
राफेल डील के पहले 2019 में इंडोनेशियाई एयरफोर्स के लिए आठ की संख्या में एयरबस हेलीकॉप्टर एच225एम हेलिकॉप्टर का सौदा हुआ था। निक्केई एशियन रिव्यू के अनुसार, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री पार्बोवो सुबिआंतो की अक्टूबर में पेरिस दौरे के समय इस डील को लेकर बातचीत हुई थी। चीन और इंडोनेशिया के बीच दक्षिणी चीन सागर में नातुना द्वीप को लेकर विवाद है। सितंबर में ही इंडोनेशिया ने अपने जलीय सीमा में पहुंचे चीन के एक युद्धपोत को खदेड़ दिया था। इसके बाद से चीन ने इंडोनेशिया के चारों ओर घेराबंदी बढ़ा दी है।
दक्षिण चीन सागर में चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए इंडोनेशिया लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है। इंडोनेशिया ने चीन के जहाज को नातुना द्वीप के पास से खदेड़ा था। यह क्षेत्र इंडोनेशिया के एक्सक्लूसिव इकनॉमी जोन में आता है। इंडोनेशियाई समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज चीनी युद्धपोतों और मछुआरों के इस क्षेत्र में लगातार घुसपैठ करने के कारण लगातार गश्त करती रहती हैं। इससे जलीय क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ चीन की हरकतों पर भी नजर बनी रहती है। नातुना द्वीप के पास चीनी झंडे वाले मछली पकड़ने की नौकाएं अक्सर देखी जाती हैं।