योग करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से स्वस्थ बनेंगे बल्कि मानसिक रूप से आपका दिमाग भी फिट और हेल्दी बना रहेगा। नई स्टडी की मानें तो योग इंसानी दिमाग के कई हिस्सों में नसों के आपसी जुड़ाव को मजबूत बनाता है। यह उतना ही प्रभावी है, जितना ऐरोबिक्स का एक्सर्साइज। हठ योग पर किए गए पिछले 11 शोधों के अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है।
योग करने से याददाश्त भी होगी बेहतर
यूएस में इलिनोइस यूनिवर्सिटी की स्टडी के मुताबिक, हठ योग करने वालों के मानसिक स्वास्थ्य की शुरू और अंत में तुलना की गई थी। स्टडी का एक दिलचस्प नतीजा यह था कि दिमाग का वह हिस्सा जिसे हिप्पोकैम्पस कहते हैं, वह उम्र के साथ सिकुडऩे लगता है। इस हिस्से का ताल्लुक इंसान की याददाश्त से है। हिप्पोकैम्पस बहुत ज्यादा सिकुडऩे पर लोगों को अल्जाइमर्स जैसी बीमारी हो जाती है, जिसमें याद करने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। स्टडी बताती है कि योग करने वालों में हिप्पोकैम्पस का आकार सिकुड़ा नहीं। उसमें सामान्य वृद्धि बरकरार रही।
बढ़ जाती है काम करने की क्षमता
स्टडी में यह भी कहा गया है कि एमिग्डाला (एक दिमागी हिस्सा, जो भावनात्मक आदान-प्रदान में रोल अदा करता है), योग करने वालों में उन लोगों की तुलना में बड़ा होता है जो योग का अभ्यास नहीं करते हैं। अन्य मस्तिष्क क्षेत्रों जैसे प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, सिंगुलेट कॉर्टेक्स भी बड़े हैं, या उन लोगों में अधिक क्षमता से काम करते हैं, जो नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं।
इन योगासनों से हेल्दी बनेगा ब्रेन
भ्रामरी प्राणायाम
नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्त करता है। एकाग्रता और स्मृति को बढ़ाता है। आत्म विश्वास को बढ़ाता है। यह प्राणायाम चिंता-मुक्त होने का सबसे अच्छा विकल्प है।
सेतुबंधासन
योग का यह आसन मांसपेशियों को विश्राम देता है। मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है। मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करता है, जिससे चिंता, तनाव और अवसाद यानी डिप्रेशन को कम किया जा सकता है।
सर्वांगासन
ब्रेन के हाइपोथैलेमस ग्रंथियों में अधिक रक्त पहुंचाकर मस्तिष्क को हेल्दी बनाने में मदद करता है यह आसन। सभी संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
हलासन
मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बेहतर कर तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। पीठ और गर्दन में खिंचाव से तनाव और थकावट को कम करता है।
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