चीन से मंगाई रैपिड किट पर उठ रहे सवाल

लोग पूछ रहे-क्यों किया चीन पर भरोसा

नई दिल्ली. कोरोना वायरस से लडने हाल ही में चीन से मंगाई गई रैपिड किट के विश्सनीयता पर अब सवाल उठने लगे हैं। दुनिया भर में कोरोना फैलाने वाले चीन पर आरोप लग रहे थे ‎कि उसने बेहद ही घटिया पीपीई किट भेजी है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में उसके पीपीई किट की आलोचना हो रही है। बावजूद इन सब के भारत ने एक बार फिर चीन पर भरोसा किया और रैपिड टेस्टिंग किट मंगा लीं। अब पता चल रहा है कि चीन से आई रैपिड टेस्टिंग किट में भी गड़बड़ी है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जिस चीन ने खराब पीपीई किट भेजी थीं, आखिर उसी चीन पर रैपिड टेस्टिंग किट के लिए भरोसा क्यों किया गया? और अगर इसके अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था तो टेस्टिंग से पहले रैपिड टेस्टिंग किट की जांच क्यों नहीं की गई? रैपिड टेस्टिंग किट में गड़बड़ी की शिकायत सबसे पहले राजस्थान ने मंगलवार को की। इसके बाद से ही आईसीएमआर ने एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग पर दो दिन के लिए रोक लगा दी है। ये रोक सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि बाकी राज्यों में भी लगाई गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंगलवार को सभी राज्यों को कहा है कि वह दो दिन के लिए एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग रोक दें। फिलहाल आईसीएमआर इस मामले में छानबीन कर रहा है, क्योंकि कई राज्यों ने शिकायत की है कि इसके नतीजों में 6 फीसदी से 71 फीसदी का उतार-चढ़ाव दिख रहा है। आईसीएमआर ने कहा है कि ये बिल्कुल भी स्वीकार योग्य नहीं है और हो सकता है कि किट को बदलने की जरूरत पड़े। जिस चीन से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला, अब वही मेडिकल सप्लाई के नाम पर दुनिया के साथ मजाक कर रहा है। यूरोपीय देशों समेत कई जगहों पर चीन ने इतने घटिया पीपीई किट भेजे हैं, जिन्हें पहना ही नहीं जा सकता। सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें चीन के भेजे पीपीई किट पहनते ही फट जा रहे हैं। मास्क के नाम पर भी चीन ने शर्मनाक हरकत की हैं। बीतें दिनों उसने अपने ‘सदाबहार दोस्त’ पाकिस्तान तक को अंडरवेअर से बने मास्क भेजे थे। अब भारत के साथ भी उसने ऐसा ही भद्दा मजाक किया है। हालांकि, किरकिरी के बाद चीन ने अपने यहां क्वॉलिटी चेक बढ़ाया है। 5 अप्रैल तक भारत में चीन से करीब 1.70 लाख पीपीई किट की सप्लाई आई थी, जिसमें से 50,000 किट क्वॉलिटी टेस्ट में खरे नहीं उतरे। सूत्र ने बताया, ‘30,000 और 10,000 पीपीई किट के दो छोटे कंसाइनमेंट्स भी टेस्ट में पास नहीं हो पाए।’ इन उपकरणों की जांच डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की ग्वालियर स्थित लैबोरेटरी में हुई थी। एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट पर तो सवाल उठ ही रहे हैं, साथ ही इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि ये किट गड़बड़ है या इसे इस्तेमाल करने का तरीका सही नहीं है? टेस्टिंग से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि ये किट्स गड़बड़ नहीं हैं, बल्कि इनके इस्तेमाल करने का तरीका सही नहीं है। सूत्र ने आशंका जताई है कि राज्यों की तरफ से टेस्टिंग में किसी तरह का शॉर्टकट अपनाया गया हो सकता है। खैर, जो भी हो, दो दिन की आईसीएमआर जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *