रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को छठी जेपीएससी के रिजल्ट को खारिज करने के फैसले को एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा है। इस फैसले से छठी जेपीएससी संयुक्त सेवा परीक्षा में सफल 326 सफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है।
हाईकोर्ट के अधीवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि छठी जेपीएससी
परीक्षा परिणाम को एकल पीठ संजय कुमार द्विवेदी की अदालत द्वारा खारिज किये जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी गयी थी। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई हुई। प्रार्थी शिशिर तिग्गा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए उस आदेश को निरस्त करने की गुहार लगायी गयी थी। याचिका में कहा गया था कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पेपर वन (हिन्दी व अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है। इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जारी की थी। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।
इधर, राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि एकल पीठ की ओर से जब फैसला आयर आया था, उसी वक्त राज्य सरकार की ओर से एलपीए नहीं दायर करने का फैसला लिया था। यह फैसला सही साबित हुआ था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से छठी जेपीएससी परीक्षा की प्रक्रिया चल रही है, हाईकोर्ट की ओर से इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए पुनरीक्षित रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। उम्मीद है कि जेपीएससी जल्द से जल्द इसकी प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति परीक्षा को पूरी करेगा और सरकार सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति करेगी।
गौरतलब है कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गयी छठी जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने 10 अगस्त 2021 को फैसला सुनाते हुए छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करे हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को गलत बताया था और पुनरीक्षित रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। जिसके बाद से इस परीक्षा में सफल और असफल हुए अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लकटा हुआ नजर आ रहा है। इस फैसले के खिलाफ सफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की गयी थी, जिसे डबल बेंच ने भी खारिज कर दिया है।