रेलवे ने लॉकडाउन में सेफ्टी मेजरमेंट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाने का अहम कार्य किया

नई दिल्ली। वैश्विक संकट बन गई कोरोना महामारी के चलते भारत में 25 मार्च को पहली बार लॉकडाउन का ऐलान किया गया था तब से ट्रेन का संचालन बंद है। लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है और तब तक रेलवे का संचालन पूरी तरफ ठप रहेगा। इतिहास में यह पहली बार होगा जब रेलवे करीब 52 दिन से ज्यादा के लिए बंद रहेगा। ऐसे में मन में सवाल उठता है, आखिरकार इतने दिनों के लिए रेलवे में किसी तरह का कोई काम हुआ है क्या? उत्तर है इस दौरान रेलवे वे अहम कार्य किए जो काफी समय से लंबित पड़े थे।

रेलवे की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि इस दौरान कई ऐसे काम किए जो अब तक संभव नहीं हो पा रहे थे। रेलवे ने मेंटेनेंस के काम को पूरा किया जो सालों से पेंडिंग थे। इस दौरान रेलवे ने सेफ्टी मेजरमेंट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाने पर जोर दिया। रेल अधिकारियों का कहना है कि हम यह मानकर बहुत तेजी से काम कर रहे हैं कि यह वन्स इन लाइफटाइम मौके की तरह है।

12270 किलोमीटर प्लेन ट्रैक के मेंटेनेंस का काम लंबे समय से बाकी था जिसे 500 मॉडर्न हेवी ड्यूटी ट्रैक मेंटेनेंस मशीन द्वारा ओवरहेड इक्विपमेंट्स की मदद से पूरा किया गया। ये काम अब तक इसलिए नहीं पूरा हो रहा रहे थे, क्योंकि ट्रैक पर लगातार ट्रेनों की आवाजाही रहती थी। इसके अलावा रेलवे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी बड़े पैमाने पर सहयोग कर रहा है। रेलवे ने 20 हजार कोच को आइसोलेशन वॉर्ड में बदलने का काम किया। लगभग 3.2 लाख आइसोलेशन बेड रेलवे की तरफ से तैयार किए गए। इन बोगियों में मेडिकल स्टाफ के भी रहने का पूरा इंतजाम रहेगा। कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सिजन सिलिंडर लगाने की भी व्यवस्था की गई है।

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