नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के मामले में अधिकतर बैंकों की स्थिति में सुधार आएगा और बैंकिंग प्रणाली में ऋण वितरण के लिए नकदी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने फिक्की के 92वें सालाना सम्मेलन में कहा कि बुनियादी संरचना तथा उपभोक्ता क्षेत्र में ऋण की मांग में कोई खास कमी नहीं आई है, अत: इन क्षेत्रों में ऋण वितरण के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक अधिकांश बैंक एनपीए के लिहाज से अच्छी स्थिति में होंगे। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर घटाने का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाने के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक संपत्ति और देनदारी में असंतुलन बनने के जोखिम को देखते हुए ब्याज दर में एक सीमा से अधिक कटौती नहीं कर सकते हैं। बैंकिंग प्रणाली में पूंजी की कोई कमी नहीं है। कॉरपोरेट पर्याप्त ऋण नहीं ले रहे हैं और अपनी क्षमता का अच्छे से उपयोग नहीं कर रहे हैं। दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए ऋण देने के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे लिए दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए ऋण देना पूरी तरह से असुरक्षित है। यह कागजों पर सुरक्षित है क्योंकि नीलामी सरकार करने वाली है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह पूरी तरह से असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अत: ऐसी परिस्थितियों में बैंकों को दूरसंचार क्षेत्र को ऋण देने से पहले सावधानी से मूल्यांकन करना होगा, क्योंकि ऋण की किस्तों के भुगतान में चूक होने की आशंका काफी अधिक है।