भारतीय किसान संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक रायपुर छत्तीसगढ़  में संपन्न

अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में संगठन कार्य विस्तार पर हुआ चिंतन व बनी कार्य योजना
भारतीय किसान संघ की केन्द्रीय प्रबंध समिति ने प्रस्ताव पास कर सरकार से की मांग
वाणिज्य व कृषि मंत्रालय समन्वय के साथ कृषि व किसान हित में आयात निर्यात नीति बनाये
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जाये
रायपुर : भारतीय किसान संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक  छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्थित रामस्वरूप निरंजनदास धर्मशाला में शुक्रवार को संपन्न हुई। जिसमें देश की कृषि व किसान के सामने मौजूद वर्तमान परिस्थितियों पर चिंतन व मनन कर कार्य योजना का निर्माण किया गया। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री श्री मोहिनी मोहन मिश्र जी ने तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक में चर्चा में आये विषयों की पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय प्रबंध समिति की बैठक में दो प्रस्ताव पास किये गए है। प्रथम प्रस्ताव के बारे में श्री मिश्र ने बताया कि आज देश की कृषि उत्पाद आयात-निर्यात नीति किसान हित में रखकर बनाने की आवश्यकता है। जब किसान की फ़सल आती है ठीक उसी समय वाणिज्य मंत्रालय आयात करने का आदेश देता है। आयात शुल्क या तो घटा दिया जाता है या समाप्त कर  दिया जाता है। खाद्य तेलों व दालों में यह हुआ है। इसी प्रकार किसान की जब फ़सल आती है तो कृषि उत्पाद की निर्यात की स्थिति में जैसे ही निर्यात प्रारंभ होता है ठीक उसी समय निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। गेहूँ, चीनी व प्याज निर्यात के दौरान हमारे सामने उदाहरण है। वाणिज्य मंत्रालय की गलत नीति निर्णय के कारण नुकसान सिर्फ और सिर्फ कृषि पर निर्भर किसान को होता है। देश के किसान इन निर्णयों से त्रस्त हो चुके हैं। किसान संघ के महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि देश में कृषि उत्पाद के आयात निर्यात की योजनाबद्ध नीति व नियम तय हों तथा आयात की जाने वाली फ़सल की खरीद सुनिश्चित हो। साथ ही वाणिज्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय की सलाह, आंकड़ो व समन्वय के साथ कृषि उत्पाद का आयात निर्यात करे।
द्वितीय प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए श्री मिश्र ने बताया कि कृषि आदान मूल्य बढ़ने को देखते हुये  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में पर्याप्त राशि बढ़ाई जाये। देश के सभी राज्य व केंद्र सरकार मिलकर किसानों को यह सम्मान निधि बढ़ोतरी के साथ निरंतर मिलती रहे, इसका प्रबंधन भी करें। इस अवसर पर देश भर से भारतीय किसान संघ के प्रांतों व प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ केन्द्रीय अधिकारीयों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
*खाद सब्सिडी डीबीटी के तहत सीधे किसान के खाते में दे सरकार।*
किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री श्री मिश्र ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि रसायनिक खाद बनाने वाली कम्पनी को सरकार से मिलने वाली सब्सिडी कम्पनी को न देकर सीधे किसान को प्रति एकड़ के अनुपात में (डीबीटी के तहत) सीधे बैंक खाते में जमा की जाये।
*कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त हों*
अखिल भारतीय महामंत्री श्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि सरकार ने कृषि उपज पर इनपुट क्रेडिट का प्रावधान नहीं रखा है। तो ऐसे में सरकार को सारी कृषि आदान सामग्री पर जीएसटी लेने का अधिकार नहीं है। अत: सरकार किसानों को इनपुट क्रेडिट दे या फिर कृषि आदानों से जीएसटी तत्काल समाप्त करे।

शेयर करें