भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मरीजों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच गई है। कोरोना के वैश्विक आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर्स के मुताबिक शुक्रवार (12 जून) को शाम 7 बजे तक देश में कोरोना से अब तक 8.531 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुल मरीजों की तादाद 300,821 है। वहीं 149,035 लोग ऐसे हैं जो कि कोविड-19 से स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं।
भारत के चार राज्यों में ही कोरोना के करीब 65 प्रतिशत मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। सबसे अधिक महाराष्ट्र में करीब 97,648 केस हैं, जबकि तमिलनाडु में 40,698, दिल्ली में 34,687 और गुजरात में 22,032 मामले अब तक सामने आए हैं।
दूसरी ओर, सामान्य आबादी में कोरोना के संक्रमण की स्थिति के आकलन को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 83 जिलों की सिरो सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार 30 अप्रैल तक 0.73 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी थी। हालांकि, आईसीएमआर ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका को भी खारिज कर दिया है।
आईसीएमआर के महानिदशक प्रोफेसर बलराम भार्गव एवं नीति आयोग के सदस्य डा. वीके. पाल ने गुरुवार (11 जून) को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सामान्य आबादी के संक्रमित होने की यह दर बहुत कम है, लेकिन यह वायरस की मौजूदगी को दर्शाती है इसलिए आबादी का बड़ा हिस्सा अत्यधिक संवेदनशील है। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हमें चौकन्ना रहने की जरूरत है। बीमारी के फैलने का खतरा बना हुआ है।
शहरी स्लम में और ज्यादा संक्रमण
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में संक्रमण ज्यादा पाया गया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 1.09 गुना ज्यादा है। जबकि शहरी स्लम में यह थोड़ा और ज्यादा 1.89 गुना ज्यादा है। संक्रमण के चलते मृत्यु दर बहुत कम महज 0.08 फीसदी पाई गई। भार्गव ने कहा कि सिरो सर्वेक्षण दो हिस्सों में है। पहला सामान्य आबादी में जिसके नतीजे बता दिए गए हैं, जबकि कंटेनमेंट जोन में अभी सर्वेक्षण का कार्य जारी है तथा वहां संक्रमण ज्यादा मिल रहा है।
15 जिलों में कोरोना का कोई केस नहीं
जिन जिलों से नमूने लिए गए हैं, उनमें 15 जिले ऐसे थे जिनमें अब तक कोई कोरोना केस रिपोर्ट नहीं किया गया था। इन जिलों में 770 क्लस्टर से नमूने लिए गए जिसमें 176 शहरी क्लस्टर थे। हर जिले से 400 नमूने लिए गए। हर जिले में दस गांव या शहरी निकाय चुने गए। प्रत्येक से 40 वयस्कों के रक्त के नमूनों की जांच की गई। आईसीएमआर ने कहा कि यह सर्वे दर्शाता है कि सामान्य आबादी में कितने लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। किस क्षेत्र में खतरा ज्यादा है।