नई दिल्ली| भारत ने मंगलवार (16 जून) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ”यथास्थिति” को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास के कारण हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं। हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं।” श्रीवास्तव ने कहा, ”हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए।” उन्होंने कहा, ”इसके साथ ही हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद
भारतीय सेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार (15 जून) को चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए। पिछले 45 वर्षों में भारत-चीन सीमा पर इस तरह की पहली घटना है जो व्यापक तनाव को दर्शाता है। सेना ने यह भी कहा कि हिंसक झड़प के दौरान दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं। बहरहाल, चीनी पक्ष की तरफ से मरने वालों के बारे में बीजिंग ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद अधिकारी कर्नल व गलवान में एक बटालियन के कमांडिंग अफसर थे। तीनों सैनिक चीन की ओर से किए गए पथराव में घायल हुए जिसके बाद उनका निधन हो गया। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई।
चीन ने भारत पर लगाया सीमा लांघने का आरोप
चीन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार ”अवैध गतिविधियों” के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया तथा उन पर हमले किए जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर मारपीट हुई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने कहा कहा, ”हमारे सैनिकों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।”
चीन ने भारत पर लगाया सीमा लांघने का आरोप
चीन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार ”अवैध गतिविधियों” के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया तथा उन पर हमले किए जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर मारपीट हुई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने कहा कहा, ”हमारे सैनिकों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।”