कर्स्टन ने सभी सीनियर क्रिकेटरों पर बनाया था दबाव

मुम्बई । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने कहा है कि जब वह 2008 में टीम इंडिया के साथ जुड़े थे उस समय टीम के स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे। कस्र्टन ने कहा कि उन्होंने 2007 विश्व कप ने सभी सीनियर क्रिकेटर पर एक सामान दबाव डाला था। सचिन भी इससे अलग नहीं रहे। बल्लेबाजी पोजीशन को लेकर वह सहज नहीं थे लेकिन वह इससे उभरे और अगले तीन सालों में 18 अंतरराष्ट्रीय शतक उन्होंने लगाये। तेंदुलकर को 2005 और 2007 में चोटों ने घेर लिया था। खास तौर पर 2007 की चोट के बाद वह अपनी बेस्ट फॉर्म में नहीं दिख रहे थे। वह कई बार नर्वस नाइटीज का शिकार हुए। 2007 विश्व कप में उन्हें चार नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता था। इसमें बदलाव तब हुआ और उन्हें दोबारा ओपनिंग क्रम पर भेजा गया। तेंदुलकर ने 2008 से लेकर 2011 के बीच शानदार प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर रहे कर्स्टन ने कहा, सचिन के साथ मैंने बेहतरीन कोचिंग यात्रा की। कोच के तौर पर आप वास्तव में लोगों की क्षमता को स्वयं का सबसे अच्छा संस्करण बनाने की सुविधा प्रदान करते हैं। मैंने जो कुछ भी किया, उससे उसके लिए एक वातावरण तैयार हुआ। मैंने उन्हें सचिन को कुछ भी नहीं बताया। वह खेल जानता था, लेकिन उसे जरूरत थी एक वातावरण की। हमने बस वहीं बनाने की कोशिश की। कर्स्टन ने टीम इंडिया को 2008 से लेकर 2011 तक कोचिंग दी थी। उनकी देखरेख में ही भारत ने विश्व कप जीता था। साथ ही साथ विश्व टेस्ट रैकिंग में भी टीम शीर्ष पर पहुंची थी।

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