दिल्ली में रविवार (21 जून) कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 3,000 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 59,746 हो गई। यह तीसरी बार है जब दिल्ली में एक दिन में संक्रमण के 3,000 या इससे अधिक मामले सामने आए हैं। इससे पहले 3630 केस 20 जून को आए थे, जबकि 19 जून को 3,137 मामले सामने आए थे। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि बीते 24 घंटे में 63 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या 2,175 हो गई है।
वहीं, दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार शाम दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन भी बैठक में मौजूद थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में कोरोना से निपटने के लिए अब तक किए गए इंतजामों और COVID-19 प्रबंधन पर चर्चा की गई। इसके साथ ही और क्या नया किया जा सकता है इस पर भी विचार किया गया।
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नहीं हैं या उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं हैं, वे घर में पृथक-वास का विकल्प चुन सकते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अनिवार्य रूप से पांच दिन तक संस्थागत पृथक-वास केन्द्र में रहने के फैसले को वापस ले लिया गया था।
शनिवार (20 जून) को एक आदेश में कहा गया था, ”संक्रमित पाए जाने वाले सभी लोगों को, उनकी स्थिति का आकलन करने, बीमारी की गंभीरता को देखने और यह पता करने के लिए कि वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं, कोविड केन्द्रों में भेजा जाएगा।” आदेश के अनुसार इस सबंध में आकलन किया जाएगा कि दो कमरें, एक अलग शौचालय जैसी पर्याप्त सुविधाएं घर में हों, ताकि परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को इस महामारी से बचाया जा सके।