नई दिल्ली। आपातकाल के ऐलान की 45वीं बरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है। वहां नेता घुटन महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को आत्मचिंतन की नसीहत दी है। आपातकाल को याद करते हुए शाह ने गुरुवार को कहा, 45 साल पहले इस दिन सत्ता की लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण… सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। गौरतलब है कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था।
शाह ने कहा, ‘लाखों लोगों के प्रयासों के कारण देश में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, सीडब्ल्यूसी की हालिया बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन उन पर चिल्ला गया और उनकी आवाज को दबा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया। गृह मंत्री ने कहा, भारत के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है। आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी पार्टी में क्यों है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? अगर वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा।