मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जिले में पैरादान के लिए किसान स्वयं आगे आकर पैरादान कर रहे हैं। पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने के साथ ही पैरादान से गौठान में आने वाले पशुओं हेतु चारे की पर्याप्त उपलब्धता हो रही है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा मैदानी अमले द्वारा किसानों को पैरादान हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिले में विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में कुल 516 तथा विकासखण्ड सोनहत में 280 क्विंटल पैरादान किया जा गया है।
गौरतलब है कि खरीफ फसलों के बाद रबी फसल की तैयारी हेतु पराली को जला देना एक अनियंत्रित दहन प्रक्रिया है, जिसके कारण कई प्रकार के ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता का हनन, मानव व पशुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा, कार्बन का नुकसान, भूमि की उर्वरा शक्ति का नाश, भूमिगत सूक्ष्म जीव एवं लाभप्रद जीवों की मृत्यु हो जाती है। भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होने के कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो जाता है। सुराजी ग्राम योजना के तहत निर्मित गौठानो में पैरादान से यह समस्या दूर हो रही है। पैरा दान से पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य के साथ ही जैविक खाद निर्माण, मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता भी आसान हुई है।