पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चल रहा राष्ट्रगान अवमानना मामले की सुनवाई सेशन्स कोर्ट में 3 जनवरी तक टल गई है. आरोप है कि पिछले साल मुंबई के एक कार्यक्रम मे राष्ट्रगान के समय ममता बनर्जी बीच में ही मंच छोड़ चली गई थीं जिसके बाद विवेकानंद गुप्ता जो भाजपा के मुंबई सचिव हैं उन्होंने शिवड़ी कोर्ट में अर्जी कर राष्ट्रागान का अवमानना करने के मामले मे ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया था. जिसके बाद शिवड़ी कोर्ट ने ममता बनर्जी को अदालत में हाजिर रहने के लिए आदेश दिया था. इस आदेश को मुंबई के सेशन्स कोर्ट मे ममता बनर्जी की तरफ से चैलेंज किया गया था जिस पर मंगलवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से यह पूछा की किस कैपेसिटी में बनर्जी मुंबई आई थीं. जिस पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत ने सरकारी वकील को समय देते हुए मामला 3 जनवरी तक टाल दिया गया. अनुमति पर राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में मुंबई के मझगांव सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पीआई मोकाशी ने हस्ताक्षर किए थे.
– क्या है मामला
आपको बता दें कि 1 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुंबई में कथाकार और कवि जावेद अख्तर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुईं थीं. इस मौके पर उन्होंने गणमान्य लोगों से बात की थीं. यहीं पर उन पर ‘राष्ट्रगान’ के अपमान का आरोप लगा था. भाजपा की शिकायत थी कि कार्यक्रम के दौरान ममता सबसे पहले बैठीं और फिर खड़े होकर राष्ट्रगान गाया. यहां तक कि विपक्ष ने भी मांग की कि वह अचानक रुक गईं और पूरा राष्ट्रगान गाए बिना मंच से चली गईं और फिर मुंबई भाजपा के सचिव ने कोर्ट में केस फाइल करने के लिए अप्लाई किया था. उस अर्जी के आधार पर मुंबई के मझगांव सत्र न्यायालय ने ममता बनर्जी के खिलाफ समन जारी किया गया था. इससे पहले उन्हें पेश होने का आदेश दिया गया था. इसके खिलाफ ममता बनर्जी ने मुंबई के सेशन्स कोर्ट में अपील की थी. उसी की सुनवाई होने वाली थी लेकिन मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी और इसे तीन जनवरी तक टाल दिया गया है.