जोहानिसबर्ग । दक्षिण अफ्रीका के साल के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का अवार्ड हासिल करने वाले क्विंटन डिकॉक को कप्तानी बोझ लगती है। सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी कर रहे डिकॉक ने कहा कि इसी लिए वह टेस्ट कप्तान नहीं बनना चाहते। उनका मानना है कि टेस्ट में टीम की कप्तानी करने से अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डिकॉक को इस साल जनवरी में फाफ डुप्लेसिस की जगह दक्षिण अफ्रीका की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम की कप्तानी सौंपी गयी थी पर इसके बाद क्रिकेट निदेशक ग्रीम स्मिथ ने कहा था कि इस विकेटकीपरी बल्लेबाज को टेस्ट कप्तानी नहीं दी जाएगी। डिकॉक ने कहा कि इस मामले में उनकी कोच मार्क बाउचर के साथ भी बात हुई है। उन्होंने कहा, ‘मेरी और बाउचर की बातचीत हुई और मैंने उनसे कहा, मुझे नहीं पता कि टेस्ट कप्तान बनकर भी मुझे कैसा लगता है। मेरे लिए इसका सामना करना आसान नहीं होगा। मुझे यह पता है और मैं इसे महसूस करता हूं। मुझे यह सारा तनाव नहीं चाहिए।’ डिकॉक ने कहा, ‘मुझे अपने कंधों पर यह दबाव नहीं चाहिए। मैं टेस्ट क्रिकेट में ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना चाहता हूं और इसलिए मुझे अतिरिक्त दबाव नहीं चाहिए।’ मार्च में कोरोना वायरस के कारण क्रिकेट के निलंबित होने के बाद से डिकॉक ने तीन महीने से अधिक समय से नेट अभ्यास नहीं किया है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) को हालांकि खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू करने के लिए देश के खेल मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है।