CG फ्लाईओवर हादसा, जिम्मेदारों की लापरवाही से 2 की मौत:3 घंटे के अंदर दो हादसों में पति-पत्नी ने गंवाई जान,3 बच्चियां हो गई अनाथ

दुर्घटना स्थल पर पड़ा बच्ची का टैडी और गिरी कार के पार्ट्स

भिलाई:छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एनएच-53 पर बन रहे कुम्हारी फ्लाईओवर ब्रिज में एनएच के इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही से एक साथ दो जिंदगियां मौत के मुंह में समा गईं। टेक्निकल कमी के चलते इंजीनियर्स ने भिलाई से रायपुर की तरफ जाने वाली ब्रिज को दोबारा बनाने के लिए उखड़वा दिया, लेकिन वहां वाहन न जा सके इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। इस ब्रिज से गिरकर बाइक सवार दंपती की मौत हो गई। दुर्घटना ने तीन बच्चियों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया।

कुम्हारी ओवर ब्रिज में हुई दुर्घटना के लिए खुद छावनी सीएसपी प्रभात कुमार ने माना है कि इसमें ठेकेदार और इंजीनियर्स की लापरवाही है। पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ मामला भी दर्ज किया, लेकिन लाखों रुपए की सैलरी पाने वाले इंजीनियर्स और सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर भाजपा किसान मोर्चा और आरएसएस के लोगों ने कुम्हारी थाने का घेराव किया। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ब्रिज के दोनों छोर में खड़े होकर सिर्फ चालान काटने का काम करती है।

निर्मला देवांगन अपनी बेटी अन्नू के साथ
एक भी ट्रैफिक पुलिस ब्रिज के नीचे ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए नहीं दिखती है। दोपहर में पांच-पांच स्कूलों के बच्चे घर जाने के लिए निकलते हैं। भारी ट्रैफिक के बीच दुर्घटना का अंदेशा रहता है, लेकिन एक भी ट्रैफिक पुलिस का सिपाही ट्रैफिक को सही करने के लिए नहीं आता है। दिन भार लोगों का धरना चलता रहा। इसके बाद सीएसपी प्रभात कुमार ने उनकी बात सुनी और सही कार्रवाई का वादा किया।

इसलिए है ठेकेदार की गलती
दरअसल कुम्हारी ओवर ब्रिज पूरा बनकर तैयार हो गया था। जब टेक्निकल टीम ने इसका निरीक्षण किया तो यहां का आर्च टेढ़ा मिला। इसके चलते भिलाई से रायपुर को जाने वाले ब्रिज के स्पॉन को खोला गया और वहां फिर से नया आर्च बनाया गया। ठेकेदार ने ब्रिज को खोल तो दिया, लेकिन उसने उस एप्रोच रोड को नहीं बंद किया, जो इस ब्रिज को जोड़ रही थी। ठेकेदार ने ब्रिज में कहीं भी वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड, खतरे का बोर्ड, निर्माण प्रगति पर है जैसे साइन बोर्ड नहीं लगाया। इससे बाइक व कार चालक भ्रम में पड़ गए और तेज रफ्तार से मौत के ब्रिज की ओर बढ़ते गए और उसमें गिरकर दो की मौत हो गई।

जब भी कोई शासकीय निर्माण होता है तो उसके सुपरवीजन की जिम्मेदारी संबंधित निर्माण एजेंसी की होती है। फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण की एजेंसी एनकुम्हारी फ्लाई ओवर ब्रिज के नीचे का ट्रैफिक इस तरह जान जोखोम में डालकर जा रहे बच्चे

एनएच के इंजीनियर्स की है सबसे बड़ी गलतीएचएआई है। एनएच के इंजीनियर निर्माण पर पूरी मॉनिटरिंग करते हैं। इंजीनियर्स की लापरवाही और अनदेखी की वजह से निर्माण एजेंसी रॉयल इंफ्रा का प्रोजेक्ट मैनेजर लापरवाह हो गया और उसने मनमाने तरीके से नियमों को ताक में रखकर काम करना शुरू कर दिया।

 

शेयर करें