आज हमें प्रकृति के साथ जुड़ने की सबसे ज्यादा जरूरत: मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल

 

रायपुर :  मुख्यमंत्री ने राजधानी के गांधी-नेहरू उद्यान में आयोजित पुष्प, फल, सब्जी प्रदर्शनी का किया शुभारंभ आप लोगों की वर्षों की मेहनत का इस प्रदर्शनी में सुखद अनुभव हो रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रकृति प्रेमियों के लिए जानने और समझने की बहुत सी नई चीजें हैं।इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित 48 साल पुराने बरगद सहित 5 से 50 वर्ष तक के आयु के विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों और पौधों के बोनसाई, आंवले, नींबू, साग-सब्जियों की प्रदर्शित विभिन्न प्रजातियों की विशेष रूप से सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि थोड़ी मेहनत कर अपने घर के छतों पर भी घर के लिए उपयोगी फल-सब्जियां आदि उपजा सकते हैं। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आज हमें प्रकृति से जुड़ने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। वैश्विक महामारी कोरोना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस से लोग ज्यादा प्रभावित हुए, वहीं प्रकृति से जुड़े हुए लोगों पर कोरोना का प्रभाव कम पड़ा। कोरोना से उबरने के पश्चात अब लोग स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हुए हैं। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के गांधी-नेहरू उद्यान में आयोजित तीन दिवसीय पुष्प, फल, सब्जी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों में रंग-बिरंगे पुष्प, फल, सब्जी एवं औषधीय पौधों की मनोहारी प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का आयोजन ‘प्रकृति की ओर सोसाइटी रायपुर‘ द्वारा किया गया है। उद्यनिकी विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, रायपुर नगर निगम के सहयोग से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रतियोगिता के आयोजकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप लोगों की वर्षों की मेहनत का इस प्रदर्शनी में सुखद अनुभव हो रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रकृति प्रेमियों के लिए जानने और समझने की बहुत सी नई चीजें हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के पश्चात कहा कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित 48 साल पुराने बरगद सहित 5 से 50 वर्ष तक के आयु के विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों और पौधों के बोनसाई, आंवले, नींबू, साग-सब्जियों की प्रदर्शित विभिन्न प्रजातियों की विशेष रूप से सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि थोड़ी मेहनत कर अपने घर के छतों पर भी घर के लिए उपयोगी फल-सब्जियां आदि उपजा सकते हैं। खुद के उत्पादन का आनंद ही अलग है, उस से विशेष लगाव रहता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बड़े उद्यान वर्ग में श्रीमती मेघना जैन ताड़ेला, मंझोले उद्यान वर्ग में श्रीमती स्वाति शुक्ला, छोटे उद्याग वर्ग में श्रीमती अल्का भार्गव, टेरेस उद्यान वर्ग में श्रीमती भारती भास्कर, सर्वश्रेष्ठ उद्यान के लिए श्री विवेक गौतम को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कृष्णा पब्लिक स्कूल की वार्षिक पुस्तिका का भी विमोचन किया। कला साधना संस्थान की संचालिका दिव्यांग सुश्री साधना ढांड ने मुख्यमंत्री को उनका स्केच भेंटकर सौजन्य चर्चा की। प्रदर्शनी में औषधीय पादप बोर्ड द्वारा भी औषधियों पौधों का प्रदर्शन भी किया गया है।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा भी उपस्थित थे। स्वागत भाषण प्रकृति की ओर सोसायटी के अध्यक्ष श्री दलजीत बग्गा ने दिया। मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के आयोजकों तथा निर्णायकों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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