ओला कैब में एसी बंद ‎फिर भी ‎लिया पूरा ‎किराया कोर्ट ने दिलाए 15 हजार

बेंगलुरू । ओला कैब को बेंगलूरु के एक कस्टमर ने उनके किए की पूरी सजा दिलाई है। ओला ने विकास को सफर के लिए जो कैब मुहैया कराई उसमें एसी काम नहीं कर रहा था लेकिन फिर भी किराया उनसे पूरा लिया गया। विकास ने कंपनी को कोर्ट में घसीट लिया। कोर्ट ने ओला कैब को कसूरवार मानते हुए विकास को 10 हजार रुपए मुआवजा कानूनी खर्च के 5 हजार रुपए और किराए के रूप में चुकाए 1837 रुपए ब्याज सहित देने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि कस्टमर ने खराब एसी की शिकायत पहले ओला कस्‍टमर केयर पर की थी और रिफंड मांगा लेकिन वहां उन्‍हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद कस्टमर ने ई-मेल से ओला सीईओ भाविश अग्रवाल से उनकी कंपनी की शिकायत की लेकिन भावेश ने भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की। कस्टमर ने 18 अक्टूबर 2021 को 80 किमी के सफर के लिए ओला कैब बुक की थी। कंपनी ने कैब बुक करते वक्‍त बताया कि उन्हें एक्स्ट्रा लैग रूम और एसी सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी लेकिन भूषण ने पाया कि यात्रा के दौरान कैब का एसी काम नहीं कर रहा था। एसी न चलने से उन्‍हें काफी परेशानी हुई और जैसे-तैसे उन्‍होंने अपना सफर पूरा किया। कैब में शिकायत का कोई साधन मौजूद नहीं था। उन्‍होंने किराए के 1837 रुपये चुका दिए।
बाद में उन्‍होंने कस्टमर केयर से संपर्क साधा और रिप्रेजेंटेटिव्स को बताया कि कंपनी ने उनसे एसी का भी चार्ज ले लिया लेकिन यह सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। इसलिए उन्‍हें रिफंड चाहिए। कंपनी की तरफ से कहा गया कि एसी का कोई एडिशनल चार्ज नहीं लिया गया था। इसलिए रिफंड नहीं दिया जाएगा। विकास ने मेल से कंपनी सीईओ भावेश से शिकायत की पर कोई नतीजा नहीं निकला। कस्टमर ने 11 नवंबर 2021 को नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई और रिफंड की मांग की। ओला ने बाद में भूषण की यह बात मान ली कि एसी सर्विस में शामिल थी लेकिन रिफंड से इनकार कर दिया और 100 रुपये का कूपन दे दिया। विकास भूषण ने हार नहीं मानी और कंज्‍यूमर कोर्ट में केस दाखिल कर दिया। भूषण ने मई 2022 में बेंगलुरु अर्बन डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन का दरवाजा खटखटाया। 18 जनवरी को कोर्ट ने फैसला सुनाया कि यात्री को 10 हजार रुपए का मुआवजा देना होगा। साथ ही उन्हें कानूनी खर्च के 5 हजार रुपए और 1837 रुपए ब्याज के साथ चुकाने के लिए कहा गया। कंपनी को यह पैसा दो महीने के अंदर देना होगा।

 

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