फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ मे पारिवारिक ट्विस्ट के साथ एक आधुनिक प्रेम कहानी…

Ranbir Kapoor Film: रणबीर कपूर अगर कार्तिक आर्यन बन जाएं तो कैसे लगेंगेॽ निर्देशक लव रंजन 2011 से प्यार का पंचनामा को घुमा-घुमा कर नए सैट-अप में बना रहे हैं. आप कितनी बार देखेंगेॽ यहां उन्होंने बताया कि आज के जमाने में प्यार में घुसना आसान है, लेकिन बाहर निकलना महंगा पड़ता है. उसकी तगड़ी फीस लगती है!

Shraddha Kapoor Film: निर्देशक लव रंजन (Luv Ranjan) 2011 से घुमा-फिराकर बार-बार प्यार का पंचनामा (Pyar Ka Panchnaama) बना रहे हैं. 2015 में उन्होंने प्यार का पंचनामा 2 बनाई और 2018 में सोनू के टीटू की स्वीटी (Sonu Ke Titu Ki Sweety). अब वह इसी कहानी की चौथी कार्बन कॉपी लाए हैं, तू झूठी मैं मक्कार. यहां आते-आते कार्तिक आर्यन (Kartik Aryan) का चेहरा रणबीर कपूर में बदल गया है और नुसरत भरूचा (Nusrat Bharucha), श्रद्धा कपूर हो गई हैं. बाकी प्यार, दोस्ती और परिवार का मॉडल वही है. लेकिन यहां रोमांस में वह धार नहीं है और कॉमेडी (Comedy) की चमक नाम मात्र को टिमटिमाती है. लव रंजन की यह फिल्म गरीब, मध्यमवर्गीय या उच्च मध्यमवर्गीय दर्शक के लिए नहीं है. तू झूठी मैं मक्कार देखने के लिए आपको समाज के उस आयवर्ग (Income Class) से आना होगा, जहां सिर्फ ब्रेक-अप (Break-Up) के लिए कंसलटेंट को दो लाख रुपये की फीस दी जा सकती है. अगर यह बात आपके गले उतर सकती है, तो आप सिनेमाघर की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं.

मिक्की और टिन्नी का प्यार

तू झूठी मैं मक्कार दिल्ली (Delhi) में रहने वाले मिक्की (रणबीर कपूर) की कहानी है, जिसे पुश्तैनी रूप से बहुत जायदाद और बड़ा कारोबार (Business) खड़ा मिला है. लेकिन वह शौकिया तौर पर सबसे चोरी-छुपे ब्रेक-अप कराने का बिजनेस करता है. उसके पास ब्रेक-अप के नॉरमल से लेकर प्रीमियम प्लान (Premium Plan) तक हैं. इस काम में उसका दोस्त और पार्टनर है, डबास (अनुभव सिंह बस्सी). डबास की सगाई-शादी होती है. डबास की पत्नी की बेस्ट फ्रेंड है, टिन्नी (श्रद्धा कपूर). बैचलर ट्रिप पर विदेश में टिन्नी और मिक्की मिलते हैं. कभी हां कभी ना और थोड़ी छेड़छाड़ के बाद उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो जाता है. वे दिल्ली लौटते हैं और दोनों के घरवाले भी देखते-देखते राजी हो जाते हैं. मगर अब टिन्नी मिक्की को छोड़ना चाहती है. क्या है इसकी वजह और क्या टिन्नी सचमुच मिक्की को छोड़ देगीॽ और क्या-क्या ड्रामा होगाॽ आप ‘डबास के मिक्की की टिन्नी’ में यही देखते हैं.

फिल्म से सीरियल तक

वास्तव में पूरी फिल्म देखते हुए आप जानते हैं कि आगे क्या होने वाला है. फिल्म में केवल इंटरवेल पॉइंट है, जहां फिल्म हाई होती है. दूसरों के ब्रेक-अप कराने वाले मिक्की के पास टिन्नी का फोन आता है कि वह अपने लवर से अलग होना चाहती है. मगर आप हैरान होते हैं कि फोन पर न मिक्की को टिन्नी की आवाज पहचान में आती है और टिन्नी ही मिक्की की आवाज को पहचान पाती है! इसके बाद फिल्म औंधे मुंह गिर जाती है. आप शुरू से जो वेस्टर्न (Western) अंदाज वाला सिनेमा (Cinema) देख रहे होते हैं, जिसमें हीरो-हीरोइन के बीच कैजुअल सेक्स (Casual Sex) होता है और वे बड़े आराम से मूव-ऑव होने की बात भी करते हैं, यह सब इंटरवेल के बाद एकदम पारिवारिक-संस्कारी सिनेमा की तरफ मुड़ जाता है. ऐसा लगता है कि एकता कपूर (Ekta Kapoor) का कोई फैमिली सीरियल शुरू हो गया.

पटरी से उतरी गाड़ी

लव रंजन की समस्या यह रही कि वह पूरी फिल्म में रणबीर कपूर को कार्तिक आर्यन बनाने पर उतारू दिखते हैं. जो अदाएं कार्तिक के व्यक्तित्व का हिस्सा नजर आती हैं, रणबीर करते हैं तो ओवर-एक्टिंग लगती हैं. हालांकि इसमें रणबीर का परिश्रम दिखाई पड़ता है. परंतु जब लगता है कि वह प्लेबॉय (Play Boy) वाले अंदाज में उतर रहे हैं, तो डायरेक्टर उन्हें अचानक मां का लाड़ला वाले अवतार में डाल देता है. यहां गाड़ी पटरी से उतर जाती है. मिक्की के प्यार में पड़ते ही उसके ब्रेकअप वाले बिजनेस का बोरिया बिस्तर सिमट जाता है. श्रद्धा कपूर का चेहरा उम्र बढ़ने के साथ मनीषा कोईराला (Manisha Koirala) की याद दिलाने लगा है. वह प्रभावित नहीं करतीं.

दुश्मन न करे दोस्त ने…

लव रंजन पर कार्तिक आर्यन का जबर्दस्त हैंगओवर है. लेकिन कार्तिक को छोटे-से कैमियो (Cameo) में जितने खराब रंग-रूप में लव ने इस फिल्म में दिखाया, कार्तिक का दुश्मन भी ऐसा नहीं करता. ऐसा लगता है, मानो यह एक्टर चार दिन से नहाया नहीं और उस पर भी सीधा नींद से उठा कर कैमरे के सामने खड़ा कर दिया गया है. नुसरत भरूचा के कैमियो को भी हल्के में लिया गया. तू झूठी मैं मक्कार के कई सीन बहुत लंबे और उबाऊ हैं. कार्तिक के मोनोलॉग (Monolog) बोलने का एक अंदाज है. यहां लव रंजन ने रणबीर-श्रद्धा-अनुभव को मोनोलॉग जैसे कई डायलॉग दिए हैं. जो उन पर नहीं जमते. फिल्म में प्रीतम (Pritam) का संगीत (Music) है और औसत है. कैमरावर्क अच्छा है. विदेशी लोकेशन अच्छे हैं. श्रद्धा ने पहनी बिकिनियां (Bikini) सुंदर हैं. रणबीर कुछ दृश्यों में आकर्षक दिखे हैं. परंतु सिर्फ इतने से बात बनती नहीं. राइटर-डायरेक्टर लव रंजन ने कहानी को दो लाख के ब्रेक-अप वाले जिस स्पेस में रखा है, वह आपको न अपना लगता है और न अपने आस-पास का. रणबीर का पूरा परिवार नकली लगता है. तू झूठी मैं मक्कार देखने के बाद महसूस होता है कि बेहतर है कि सोनू के टीटू की स्वीटी को एक बार फिर देख लें. एंटरटनमेंट (Entertainment) मिलेगा.

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