राहुल की संसद की सदस्यता जाने के बाद एकजुट दिख रहा विपक्ष

नई दिल्ली । मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा और उसके बाद उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद अचानक से पूरा विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है। पिछले दिनों तीसरे मोर्चे के लिए सक्रियता सामने आ रही थी। अब तीसरे मोर्च की कवायद में जुटे तमाम दलों जैसे बीआरएस, आप, टीएमसी, एसपी ने इस मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी और सरकार पर जमकर हमला बोला। तमाम विपक्षी दल कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई विपक्षी दलों को साथ लाने में एक बड़ा मोड़ साबित हो रही है। तमाम दलों को लग रहा है कि अगर एक न हुए तो एक-एक कर सभी के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। यही वजह है कि महज कुछ दिनों पहले महिला आरक्षण को लेकर बीआरएस के कार्यक्रम से कांग्रेस ने दूरी बनाए रखी थी, वही बीआरएस आज कांग्रेस के साथ खड़ी दिख रही है। तेलंगाना के सीएम और बीआरएस के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाना नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा है।
विपक्षी एकजुटता का एक बड़ा संकेत केरल से मिला, जहां सीएम पिनराई विजयन ने राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाते हुए इसे संघ परिवार की तरफ से देश के लोकतंत्र पर हिंसक हमला करार दिया। पिनराई उसी केरल के सीएम हैं, जहां की वायनाड सीट से राहुल सांसद थे और लगातार पिनराई सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। क्षेत्रीय दलों को लग रहा है कि अगर कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल के साथ ऐसा हो सकता है तो आने वाले दिनों में क्षेत्रीय दलों को भी यह सब देखना होगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल अब नए सिरे से विपक्षी एकजुटता की कवायद पर काम शुरू करेंगे।

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