टोक्यों ओलंपिक पर सिंधू की नजरें

महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू आगामी टोक्यो ओलंपिक जीतने के लिए अभ्यास में लगी है। सिंधु ने कहा कि अभी वह अपने खेल को बेहतर बनाने पर काम कर रही हैं। सिंधू ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था पर इसके बाद वह बाकि के टूर्नामेंटों में सफल नहीं रहीं ओर शुरुआती दौर में ही बाहर हो गयीं थीं। विश्व टूर फाइनल्स में भी सिंधू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। सिंधू का भी मानना है कि जिस प्रकार विश्व चैंपियनशिप उनके लिए शानदार रही। वैसी सफलता फिर उन्हें नहीं मिली। इसके बाद भी वह आने वाले मुकाबलों को लेकर सकारात्मक बनी हुई हैं। सिंधु ने कहा कि सभी मुकाबलों में जीत मिलना तय नहीं है। कई बार अच्छा खेल दिखाने के बाद भी कुछ गलतियों के कारण सफलता नहीं मिल पाती। इस साल की शुरुआत में ही उन्हें मलेशिया और इंडोनेशिया से खेलना है। इसके अलावा ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिये कुछ टूर्नामेंट हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो सभी टूर्नामेंट अहम होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इन गलतियों से काफी कुछ सीखा है। मेरे लिये सकारात्मक बने रहना और दमदार वापसी करना सबसे अहम है।’’ सिंधू ने कहा कि वह अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिये तकनीकी पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मुझसे प्रशंसकों को काफी उम्मीदें होंगी पर दबाव और आलोचना का मेरे पर असर नहीं होता क्योंकि लोग मुझसे हमेशा जीत की उम्मीद करते हैं। ओलंपिक किसी के लिये भी अंतिम लक्ष्य होता है।’’ सिंधू ने कहा, ‘‘हम तकनीक और कौशल पर काफी काम कर रहे हैं और सब कुछ तय रणनीति के अनुसार होगा। इससे ओलंपिक सत्र में सब कुछ ठीक रहने की उम्मीदें हैं। सिधू के पास टोक्यो में पदक जीतकर पहलवान सुशील कुमार की बराबरी करने का अवसर रहेगा जिन्होंने 2008 और 2012 में ओलंपिक पदक जीते थे। इस स्टार खिलाड़ी ने कहा कि मैं दूसरों के बारे में नहीं सोचती। मैं एक एक कदम आगे बढ़ने में विश्वास करती हूं। इसलिए मुझे लगता है कि जीत के लिए मुझे कड़ा अभ्यास और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है यह हालांकि आसान नहीं होगा।

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