मुंबई । अभिनेत्री स्वरा भास्कर का कहना है कि फिल्मों और दूसरे दृश्य माध्यमों में महिलाओं के किरदार पुरुष किरदारों से अलग दिखाए जाते हैं। पुरुषों के किसी भी किरदार को पसंद कर लिया जाता है, जबकि महिलाओं को ‘पारंपरिक छवि’ में देखना पसंद किया जाता है। भास्कर उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक हैं, जो महिलाओं की पारंपरिक छवि वाले किरदारों से अलग किरदार चुनती हैं। भास्कर ने कहा कि मानव तस्करी पर आधारित ‘फ्लैश’ में उन्होंने सख्त महिला पुलिसकर्मी का किरदार निभाया है।
यह इट्स नॉट दैट सिंपल और रसभरी के बाद स्वरा का तीसरा वेब धारावाहिक है, जिसमें उन्होंने ‘सशक्त महिला का किरदार’ दिखाने की कोशिश की है। स्वरा भास्कर ने कहा, ‘मेरा किरदार गतिशील है। वह सीधी-सादी महिला को नहीं दिखाता है। उसमें खुले मिजाज की महिला दिखाई देती है, जिससे किसी को कोई समस्या नहीं। इसके जरिये यह दिखाने की कोशिश की गई है कि उसमें भी उतनी ही खामियां हो सकती हैं, जितनी किसी इंसान में होती हैं। उन्होंने कहा, समस्या यह है कि हम महिला किरदारों को इंसानों की तरह नहीं देखते। हम उन्हें महिलाओं की तरह देखते हैं। यही वजह है कि हम सिनेमा और अन्य दृश्य माध्यमों में लंबे समय से पुरुषों के अलग-अलग किरदार देखने के आदी रहे हैं। हम बदचलन पुरुष किरदारों को तो पसंद कर लेते हैं, लेकिन महिला किरदार बिल्कुल पाक साफ देखना पसंद करते हैं।