चंडीगढ़ । पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय वरिष्ठ लीडरशिप द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रधान सोनिया गांधी के नेतृत्व में वर्किंग ग्रुप बनाने के दिए सुझाव को गलत तरह से समझा गया है। इस बारे में पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री राजिन्द्र कौर भट्ठल से बातचीत करने पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका जन्म कांग्रेस पार्टी में हुआ है, वह कांग्रेस के लिए लड़ी हैं, कांग्रेस पार्टी के लिए जेलें काटीं तथा कांग्रेस पार्टी में ही वह आखिरी सांस लेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए हमेशा कांग्रेसी उन्हें अपने सुझाव भेजते रहते हैं। कोरोना महामारी के कारण निजी स्तर पर सम्पर्क न होने से यह सुझाव सिर्फ सोनिया जी को पत्र के रूप में भेजे गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा गांधी-नेहरू परिवार के प्रति उनकी श्रद्धा व वफादारी लोगों से छिपी नहीं है क्योंकि जब भी कांग्रेस या गांधी परिवार पर कोई भी विपदा आई तो जान-माल की परवाह किए बिना वह चट्टान की तरह उनके साथ खड़ी रहीं। इस बात का गांधी परिवार को भी पता है कि उन्होंने कांग्रेस के लिए अपनी 4 वर्ष की बच्ची तथा 80-90 वर्ष के पिता व ससुर को लेकर 3 महीने जेल भी काटी। उस समय मोरारजी देसाई द्वारा उन्हें राज्य की मुख्य सत्ता की पेशकश भी की गई थी परन्तु इसको ठुकरा कर वह इंदिरा गांधी के लिए जेल चली गईं। चिट्ठी द्वारा भेजे गए सुझावों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे बचा जाना चाहिए।
यह चिट्ठी सोनिया तथा राहुल की प्रशंसा करते हुए यह सुझाव देने के लिए भेजी गई कि अगर राहुल गांधी बार-बार पदभार संभालने से इंकार कर रहे हैं तथा सोनिया गांधी ने भी पिछली बैठक में कहा था कि वह एक वर्ष से अधिक प्रधान नहीं रहेंगी। तो हमें भय था कि साल पूरा होने पर बुलाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में कहीं सोनिया गांधी दोबारा इस्तीफा न दे दें इसीलिए उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व में वर्किंग ग्रुप बनाने का सुझाव दिया था ताकि पार्टी का कामकाज न रुके। संगठन की मजबूती के लिए और भी सुझाव दिए गए क्योंकि कांग्रेस देश में सबसे बड़ी व पुरानी पार्टी है जिसने देश को आजाद करवाने से लेकर धर्मनिरपेक्षता कायम करके दुनिया में पहचान कायम की इसलिए कांग्रेस पार्टी ही देश को मजबूत व सुरक्षित रख सकती है।