योजना का विस्तार,  गोबर से खाद बनाने 10 टैंक पे छोड़ा केचुआं, 10 हजार किलो गोबर का उपयोग

 हर रोज 1000 किलो गोबर की खरीदी
रिसाली। रसायनिक खाद से ध्यान हटाकर लोगों को जैविक खाद के उपयोग करने के लिए पे्ररित किया जा रहा है। इस दिशा में रिसाली नगर पालिक निगम भी महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर एस. एल. आर. एम. सेंटर में जैविक खाद बनाने का कार्य शुरू कर दिया है।
नगर पालिक निगम रिसाली के नोडल अधिकारी रमाकांत साहू ने बताया कि वर्तमान में 10 टैंक में लगभग 10 दिनों के खरीदे गए गोबर से खाद बनाने टैंक में केचुओं को छोड़ा गया है। पूर्ण रूप से खाद तैयार होने में लगभग 60 दिनों का समय लगेगा। इसके बाद खाद का दर निर्धारित के बाजार में आम लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। उच्च गुणवत्ता खाद तैयार करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से तकनिकी ज्ञान लिया जा रहा है।
खाद बनाने की क्षमता बढ़ेगी
नोडल अधिकारी ने बताया कि खाद बनाने के लिए वर्तमान में 10 टैंक तैयार किया गया है। बल्क में जैविक खाद बनाने आयुक्त ने कुल 40 टैंक तैयार करने निर्देश दिए है। शेष टैंक निर्माण होते ही बल्क में खाद बनाने का काम शुरू किया जाएगा।
1075 मवेशियों का आ रहा गोबर
वर्तमान में रूआबांधा स्थित एस. एल. आर. एम. सेंटर में 50 गो-सेवकों व मालिकों ने गोबर बेचने पंजीयन कराया है। सहायक परियोजना अधिकारी ओंकार यादव ने बताया कि वर्तमान में हर दिन 1075 मवेशियों का गोबर कुमकुम महिला स्व सहायता के पास आ रहा है।
स्टाक में 30 हजार किलो
अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त ने बताया कि गो सेवक व गो मालिकों को सुविधा देने के लिए जल्द ही नेवई, डुंडेरा और पुरैना में गोबर खरीदी केन्द्र शुरू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रूआबांधा में 20 अगस्त की स्थिति में 3041.1 किलो गोबर स्टाक में है।

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