चंडीगढ़,लेफ्टिनेंट जनरल और ऑपरेशन मेघदूत के नेतृत्वकर्ता लेफ्टिनेंट जनरल प्रेमनाथ हून (पीएन हून) का आज निधन हो गया। 91 साल की उम्र में उन्होंने पंचकूला के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी मेघदूत पर तिरंगा फहराने का करिश्मा भारतीय सेना ने इन्हीं के नेतृत्व में किया था। 1987 में लेफ्टिनेंट जनरल हून पश्चिमी कमान प्रमुख के तौर पर रिटायर हुए थे।
कई युद्ध में निभाई थी साहसिक भूमिका
ऑपरेशन मेघदूत जनरल हून की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, लेकिन उन्होंने कई और युद्धों में भी साहसिक भागीदारी निभाई थी। 1984 के पाकिस्तान युद्ध में भी वह वीरता से लड़े थे और ऑपरेशन मेघदूत के सफल नेतृत्व ने उन्हें देश का हीरो बना दिया। रिटायर होने के बाद 2013 में जनरल हून ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। पाकिस्तान के एबटाबाद में जनरल हून पैदा हुए, लेकिन बंटवारे के वक्त उनका परिवार भारत आ गया।
दुर्गम सियाचिन की चोटी पर फहराया था तिरंगा
जनरल हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने सियाचिन की चोटी पर तिरंगा फहराया था। इस मुहिम को ऑपरेशन मेघदूत का नाम दिया गया। भारतीय सैनिकों ने दुर्गम चोटी को अदम्य साहस से पार किया। दुनियाभर में मुश्किल लड़ाइयों में ऑपरेशन मेघदूत का जिक्र किया जाता है। भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को मात दी थी और तापमान जब माइनस में था तब दुर्गम चढ़ाई कर तिरंगा फहराया।