प्रकाश झा बोले, फिल्ममेकर्स के लिए अपनी बात कहना काफी चैलेंजिग है

मुंबई। चाहे आरक्षण हो, राजनीति का वंशवाद हो या समाजिक ताने-बाने में फैली कमियों का मुद्दा हो लेखक-ऐक्टर-फिल्ममेकर प्रकाश झा की फिल्मों ने हमेशा ही मनोरंजन करने के साथा-साथ इन मुद्दों पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। एमएक्स ऑरिजिनल सीरीज़ आश्रम के साथ प्रकाश झा पहली बार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आए हैं और एक बार फिर फिल्म शो की रिलीज़ से पहले ही वह कंट्रोवर्सी का केंद्र भी बन गए हैं। आश्रम की लाइव स्ट्रीम कर रहे एमएक्स प्लेयर ने शो के ऑनलाइन होने से पहले ही डिस्क्लेमर जारी कर दिया था। शो पर उठी कंट्रोवर्सी को लेकर प्रकाश झा कहते हैं, ‘जब एमएक्स प्लेयर ने आश्रम के लिए मुझे अप्रोच किया तो मुझे इसका कॉन्सेप्ट काफी दिलचस्प लगा। यह शो लोगों के धार्मिक विश्वास पर चोट नहीं करता बल्कि यह एक व्यक्ति की बात करता है, जो अपने स्वार्थ के लिए ऐसे लोगों का फायदा उठाता है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और विश्वास की खोज में हैं और जो इस पर अंधविश्वास करते हैं। सच कहा जाए तो यह ऐसे लोगों के बारे में है जो लोगों का फायदा उठाकर हमारे विश्वास और हमारी परंपराओं, मान्यताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनका नाम खराब कर रहे हैं।
प्रकाश झा कहते हैं कि शो के ऑनलाइन होने से पहले ही हमने इसे लेकर डिस्क्लेमर जारी कर दिया था ताकि हम लोगों को यह बता सकें कि हमारा अपनी संस्कृति और विश्वास में पूरा फख्र है, लेकिन उन लोगों में नहीं जो इसका नाम खराब कर रहे हैं। इस शो को एक काल्पनिक स्टोरी के आधार पर बनाया गया है, लोग कैसे इस अंधविश्वास के जाल में फंस जाते हैं और उससे बाहर नहीं आ पाते। आश्रम की फ्री ऑनलाइन स्ट्रीमिंग एमएक्स प्लेयर पर 28 अगस्त से शुरू हो रही है। राजनीति, गंगाजल और आरक्षण जैसी फिल्मों के लिए मशूहर झा इन विवादों के बारे में कहते हैं, ‘फिल्ममेकर्स के लिए हमेशा एक चैलेंज रहा है कि वह जो कहना चाहते हैं, उसे किस तरह से कह पाएंगे। कंटेंट क्रिएटर होने के नाते अपनी ऑडियंस से जिम्मेदारी के साथ कम्युनिकेट करना हमारा काम है क्योंकि अंततः हमारी स्टोरी समाज के लिए ही हैं। मैंने अपनी फिल्मों के लिए गंगाजल से लेकर अब तक, कई विवादों को झेला है। मुझे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है लेकिन समझदार, बुद्धिमान और मजबूत दर्शकों के साथ, आप कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं।

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