नई दिल्ली । अब जल्द ही सरकारी बैंक ग्राहकों को होम डिलिवरी की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। सरकारी बैंक ग्राहकों को दरवाजे तक अपनी कुछ सेवाएं पहुंचाएंगे। सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर से ग्राहक घर पर भी नकदी जमा कराने और निकासी की सुविधा ले सकेंगे। शुरुआत में 100 शहरों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। इस काम के लिए अलग से डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। देश के सभी सरकारी बैंक डोरस्टेप बैंकिंग सुविधा देंगे। घर के दरवाजे पर वित्तीय सेवा हासिल करने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ेगा। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डोरस्टेप बैंकिंग सेवा का अनावरण किया।
रेहड़ी वालों को दी जाएगी प्राथमिकता
डोरस्टेप बैंकिंग सेवा में वरिष्ठ नागरिक, विधवा, विकलांग, आर्मी स्टाफ, सीआरपीएफ, छात्र, सैलरी वाले कर्मचारी, कारपोरेट ग्राहक, खुदरा दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। कस्टमर केयर, वेब पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए ग्राहक डोरस्टेप बैंकिंग सेवा की गुजारिश कर सकता है। अभी चेक बुक हासिल करने और डिमांड ड्राफ्ट व डिपॉजिट रसीद मंगाने जैसी गैर-वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।
19 करोड़ ग्राहकों को मिलेगा फायदा
डोरस्टेप बैंकिंग के तहत सेवा की मांग करते ही एजेंट के पास इसकी सूचना चली जाएगी। ग्राहक एप या पोर्टल के जरिये यह जानकारी रख सकता है कि उस वक्त एजेंट कहां पर है। अगर कोई ग्राहक दोपहर तीन बजे से पहले सेवा के लिए गुजारिश कर देता है तो तीन घंटे के भीतर उसको सेवा मुहैया करना होगा। इस सेवा के तहत ग्राहक आइटी चलान, 15जी, 15एच फार्म, टर्म डिपॉजिट रसीद, चेकबुक, डीडी पीओ, अकाउंट स्टेटमेंट की मांग कर सकता है। इस सेवा से 19 करोड़ ग्राहकों को फायदा मिलेगा।
सीतारमण बोली, इकोनॉमी को रफ्तार देगी बैंक
इधर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार का बैंकों पर बड़ा दारोमदार है। उन्होंने बैंकों को विकास व कुशलता को मजबूती देने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाने पर भी जोर देने को कहा। हालांकि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की सफलता के लिए वित्त मंत्री ने बैंकों की सराहना की। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग सेवाएं अभी भी चुनिंदा क्षेत्रों में पहुंच नहीं पाई हैं।
सरकार की योजनाओं की जानकारी रखें बैंक कर्मचारी
वित्त मंत्री ने बैंकों से साफ कहा कि सरकार उनके माध्यम से आम जनता के लिए कौन सी योजनाएं चला रही है, इसकी जानकारी रखना उनके कर्मचारियों का कर्तव्य है। डोरस्टेप बैंकिंग सर्विसेज लांच करते हुए वित्त मंत्री का कहना था कि कामकाज सामान्य अवस्था में लाने को संघर्ष कर रहे कारोबारियों की हर उम्मीद पूरी करना बैंकों का दायित्व है। इसमें बैंकों से जो भी बन पड़े, उन्हें करना चाहिए। तभी वे आर्थिक गतिविधियों को गति देने में पूरी तरह सफल हो सकेंगे।