विपक्षी दलों के कई सांसदों ने भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहे गतिरोध पर संसद में चर्चा कराने की मांग की है। यह जानकारी सूत्रों ने शनिवार को दी। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से दोनों सदनों के नेताओं के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया है। संसद का सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है। इसका समापन एक अक्टूबर को होगा। गौरतलब है कि भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ ही कई क्षेत्रों में आमने-सामने है। यहां लगातार संघर्ष की स्थिति बनी हुई है।
वहीं संसद के मानसून सत्र से पहले भाजपा नेतृत्व वाला राजग चीन के साथ सीमा विवाद और कोरोना महामारी से निपटने जैसे मसलों पर विपक्ष के हमलों को बेअसर करने के प्रति आश्वस्त है। भाजपा को विश्वास है कि चर्चा के दौरान विपक्ष में विभाजन साफ दिखाई देगा। भाजपा सूत्रों ने इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया कि कैसे सीमा पर तनावपूर्ण हालात के मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख को विपक्षी दलों से मामूली समर्थन हासिल हुआ।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जिस तरीके से सरकार ने देश के हितों का मजबूती से बचाव किया है उसको देशवासियों ने देखा है। हमें विश्वास है कि इस मसले पर किसी भी चर्चा के दौरान कांग्रेस अलग-थलग पड़ जाएगी। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर गैर-राजग दलों ने भी इस मसले पर मोदी सरकार का समर्थन किया है। मालूम हो कि कांग्रेस के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक जैसी विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ संयुक्त रूप से हमला बोलने की तैयारी कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) की कार्यवाही 14 सितंबर से शुरू होकर एक अक्टूबर तक चलेगी। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 14 सितंबर को प्रात: नौ बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लोकसभा को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति 14 सितंबर को ही राज्यसभा में विचार रखेंगे। सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें होंगी। इस दौरान कोई छुट्टी और साप्ताहिक अवकाश नहीं होगा। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ दिनों तक संसद के सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगी। शनिवार को वह अपनी वाषिर्षक चिकित्सा जांच के लिए अमेरिका रवाना हो गईं।