खेती किसानी के लिए बारहमासी पानी एवं जरूरी मदद मिलने से आत्मनिर्भर बना किसान जितेन्द्र
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ को समृद्ध एवं आत्म निर्भर बनाने हेतु राज्य के कृषि को उन्नतशील बनाने की सोच एवं उसे कार्य रूप में परिणित कराना शुरू से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष प्राथमिकता में शामिल रही है। राज्य सरकार द्वारा इस दिषा में ठोस निर्णय लेकर तथा योजना बनाकर उनका सफल क्रियान्वयन भी किया है। जिसके परिणाम स्वरूप पूरे राज्य के साथ-साथ बस्तर जिले के किसान भी शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेकर आधुनिक एवं आत्म निर्भर कृषि की और बढ़ रहे हैं। योजना का सफल क्रियान्वयन का ही नतीजा है कि बस्तर जिले में धान का रकबा 10 वर्ष पूर्व खरीफ सीजन में 1 लाख 13 हजार 120 हेक्टेयर एवं औसत उत्पादकता 1533 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। वह आज बढ़कर 1 लाख 11 हजार 942 हेक्टेयर और औसत उत्पादकता 3202 प्रति हेक्टेयर हो गया है।
शासन के जन कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप खेती किसानी में आये आषातित सुधार एवं परिवर्तन से बस्तर जिले के सुदूर वनांचल के किसान भी अछूता नहीं है। इसी का परिणाम है कि आज अपने खेती किसानी के लिए वर्षा की पानी पर निर्भर रहने वाले जिले के बस्तर विकासखण्ड के ग्राम दूबेउमरगांव कृषक जितेन्द्र साहू को कृषि कार्य के लिए बारहमासी पानी मिलने से आज एक आत्मनिर्भर किसान बन गया है। किसान जितेन्द्र कृषि विभाग के शाकम्भरी योजना से अनुदान लेकर 5 एचपी का डिजल पम्प तथा किसान समृद्धि योजना से ट्यूबवेल खनन कराने से आज उसे उन्नतषील एवं मन पसंद खेती के लिए केवल वर्षा के जल पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। उसे अब खेती के लिए समय पर पानी मिल जाता है जिससे वे धान के अलावा मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जी भाजी आदि फसल उगाकर आत्मनिर्भर एवं समृद्धि किसान बन गया है।
किसान जितेन्द्र ने बताया कि वे एक मध्य श्रेणी के ग्रामीण किसान है इससे पहले वे करीब 20 वर्षों से वर्षा परंपरागत रूप से वर्षा पर आधारित धान की खेती करते आ रहे थे। लेकिन वर्षा के पानी के अलावा सिंचाई के लिए अन्य कोई साधन नहीं होने से समय पर खेती किसानी का काम करना बड़ा कठिन होता था। इसके अलावा फसलों में कीट व्याधियों का प्रकोप तथा उन्नत खेती के लिए तकनीकी ज्ञान के अभाव होने के कारण उसे उत्पादन एवं उससे आय मेहनत के हिसाब से बहुंत ही कम मिल पाता था। उन्होंने बताया इसी बीच उसका सम्पर्क कृषि विभाग के अधिकायों से हुआ। उन्होंने उन्नत एवं आधुनिक खेती किसानी के लिए शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजना की जानकारी दी। जिसके माध्यम से उन्होंने इन योजना का लाभ लिया है। कृषि विभाग के अधिकारी आज उसे समय-समय पर फसलों को कीट व्याधियों से बचाने के लिए औषधियों की जानकारी तथा उपायों के अलावा उन्नत खेती के लिए भी तकनीकी ज्ञान देते रहते हैं। उन्होंने बताया कि हरितक्रांति विस्तार योजनान्तर्गत धान, मक्का, प्रदर्शन में भी मेरा फसल का प्रदर्शन बहुंत अच्छा रहा। किसान जितेन्द्र ने बताया कि विभागीय योजना से उसे मिनी राईस भी प्रदान किया गया है, जिससे उसे अतिरिक्त आमदनी हो रही है। शासकीय योजनाओं के लाभ लेने के फलस्वरूप किसान जितेन्द्र के खेती किसानी में आये सुधार तथा उनके जीवन स्तर ने हुए परिवर्तन आस-पास के किसान भी उनसे प्रभावित होकर शासकीय योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।